मायावती ने प्राइवेट सेक्‍टर में की आरक्षण की मांग, मोदी-योगी सरकार पर हमला भी बोला

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। इमरजेंसी की बरसी पर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी और योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। यूपी की पूर्व सीएम ने भाजपा की केंद्र के साथ ही राज्‍य सरकारों पर गरीब, मजदूर, किसान, दलित व पिछड़ा वर्ग-विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी सरकारों में इन वर्गों का जिस प्रकार से शोषण, उत्पीड़न व अन्याय लगातार हो रहा है। उसके बाद इनके कल्याण के बारे में भाजपा सरकारों को बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है।

मायावती ने नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं को इन वर्गों के बारे में कोई भी बात करने के पहले अपने गिरेबान में झांक कर जरूर देखना चाहिये कि इनका रिकॉर्ड कितना ज्यादा जातिवादी व दागदार है। मायावती ने संविधान में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए आगे कहा कि मोदी और योगी सरकार दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का न सिर्फ शोषण व उत्पीड़न कर रहीं, बल्कि इन वर्गों को इनके जीने के मौलिक अधिकार व आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से भी वंचित कर रही हैं।

यह भी पढ़ें-  मायावती ने भाई को BSP उपाध्यक्ष पद से हटाया, बताई ये वजहें, इन नेताओं को दी अहम जिम्मेदारी

पूर्व सीएम ने हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा सरकारों का रवैया द्वेषपूर्ण व जातिवादी बना हुआ है और यही कारण है कि आरक्षण के आधिकार को पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया गया है, तो दूसरी तरफ सरकार की बड़ी परियोजनाएं ज्‍यादातर बड़े-बड़े पूंजीपतियों की निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंपी जा रही हैं जहां आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।

इन तर्कों के साथ बसपा अध्‍यक्ष ने प्राइवेट सेक्‍टर के अलावा न्यायपालिका और शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण की मांग उठाते हुए आज कहा कि आरक्षण को नकारात्मक सोच के साथ देखने के बजाए इसे देश में सामाजिक परिवर्तन के व्यापक हित के तहत सकारात्मक समतामूलक मानवतावादी प्रयास के रूप में देखना चाहिये।

अपरकास्ट व अल्पसंख्यकों के गरीबों को भी मिले आरक्षण

आरक्षण की मांग पर मायावती यहीं नहीं रूकी उन्‍होंने आगे कहा कि यही वजह है कि बसपा अपरकास्ट समाज व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के गरीबों को भी आरक्षण की सुविधा देने की पक्षधर है और इसके लिये संविधान में उचित संशोधन करने की मांग को लेकर संसद के भीतर व संसद के बाहर लगातार संघर्ष करती रही है।

यह भी पढ़ें-  सपा-बसपा में फूट डालना चाहती है BJP, आगे की रणनीति का खुलासा कर ये बातें भी बोली BSP सुप्रीमो

भाजपा सरकारों पर अपनी जिम्‍मेदारियों से बचने का आरोप लगाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकारें देश की आमजनता के प्रति अपनी कानूनी व संवैधानिक जिम्मेदारियों से भागने के लिये ही हर दिन नये-नये शिगूफें छोड़कर जनता की धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास करती रहती हैं। जिससे कि सरकार की घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बंटा रहे। इसके साथ ही देशभक्ति का ढिंढोरा पीटते रहना इनकी आदत सी बन गयी है जिसका खास मकसद इनकी पार्टी व सरकार की जनविरोधी नीयत, नीति व करतूतों पर पर्दा पड़ा रहे।

इमरजेंसी की बरसी के मौके पर बात करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस द्वारा देश में थोपी गई “राजनीतिक इमरजेंसी’’ की याद बार-बार दिलाई जाती है। जबकि पूरा देश मोदी सरकार द्वारा लगायी “नोटबंदी की आर्थिक इमरजेंसी’’ की मार झेलने के साथ ही पिछले चार सालों से “अघोषित इमरजेंसी’’ जैसा माहौल हर स्तर पर लोगों को झेलना पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें- मायावती ने पूर्व सांसद समेत बसपा के तीन दिग्‍गजों को किया पार्टी से बाहर