आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अनुसूचित जाति-जनजाति के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला स्वागत योग्य है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, इसका हम स्वागत करते हैं। अब ये केंद्र और राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह प्रमोशन में आरक्षण देती है कि नहीं। साथ ही बसपा प्रमुख ने केंद्र सरकार से प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की।
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वहीं मायावती ने ये भी मांग उठाते हुए कहा कि जिन लाखों कर्मचारियों को एम. नागराज केस के आधार पर रिवर्ट कर दिया गया था, उन्हें तत्काल प्रभाव से फिर पदोन्नत किया जाए।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्ष वाली इस बेंच में जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की पीठ ने आज एससी-एसटी के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फैसले पर फिर से विचार की जरूरत नहीं है।
साथ ही अदालत ने कहा कि पिछड़ेपन पर मात्रात्मक डेटा एकत्र करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने कहा कि प्रमोशन में एससी-एसटी आरक्षण को बड़ी बेंच को नहीं जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार नागराज मामले पर पुनर्विचार चाहती थी। अदालत के इस फैसले के बाद साल 2006 का आदेश बरकरार रहेगा। केंद्र सरकार चाहती थी कि नागराज मामले में पुनर्विचार चाहती थी।
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