आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अगले साल होनी वाली यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा की तैयारी अभी से ही तेज कर दी गयी है। यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के संबंध में गुरुवार को योजना भवन में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में डिप्टी सीएम ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों, संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को 2019 में नकल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने के लिए जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यदि ऐसा पाया गया तो सख्त कार्रवाई होगी।
दिनेश शर्मा ने कहा कि जो विद्यालय तीन साल से बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हुए या फिर ब्लैक लिस्ट में हैं, उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाए। इसके अलावा परीक्षा केंद्र एवं परीक्षा कक्ष की निर्धारित क्षमता के अनुसार ही परीक्षार्थियों की संख्या आवंटित की जाये। एक प्रबंधतंत्र या सोसाइटी द्वारा संचालित कई विद्यालय होने की दशा में उनके विद्यार्थियों को पारस्परिक केंद्र भी आवंटित नहीं किया जाए तथा उनके कक्ष निरीक्षक भी पारस्परिक आवंटित नहीं होने चाहिए।
साथ ही जिन अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जाय, उनमें मेन गेट समेंत सभी कमरों में वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा एवं रिकार्डिंग के लिए डीवीआर की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा सभी केंद्र परीक्षा से पहले जीपीएस से लिंक भी होने चाहिए।
अभियान चलाकर विद्यालयों का निरीक्षण करें अधिकारी
उप मुख्यमंत्री ने माध्यमिक विद्यालयों में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो अभियान चलाकर विद्यालयों का निरीक्षण करें। जिससे कि विद्यालयों में पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सके। साथ ही विद्यालयों को भी चिन्हित कर कार्रवाई करें जहां पठन-पाठन का कार्य नहीं हो रहा है।
पिछला बकाया जल्द से जल्द, अगामी मूल्यांकन के एक माह के अंदर करें
वहीं कांपियों के मल्यांकन के बाद भी अब तक भुगतान नहीं किए जाने के मसले पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षा 2018 की कापियों के मूल्यांकन का सभी बकाया जल्द से जल्द कर दिया जाए। इसके अलावा आगामी बोर्ड परीक्षा-2019 की परीक्षा के कापियों के मूल्यांकन का पूरा भुगतान कॉपी मूल्यांकन के एक महीने के अंदर कर देने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया। वहीं अगले साल से स्कूलों की मान्यता की प्रक्रिया एक जुलाई से 30 सितंबर (तीन महीने) में पूरी करने का भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने जिन जिलों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में शिथिलता बरती गयी उनसे संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगायी और निश्चित समयावधि में उन्हें पूरे करने के सख्त निर्देश दिये। ऐसा न होने पर सख्त कार्यवाही किये जाने की बात कही।
उन्होंने डीआइओएस व अन्य अधिकारियों के प्रमोशन से संबंधित लंबित प्रकरणों को भी जल्द से जल्द निस्तारण करने को कहा। वहीं दिनेश शर्मा ने मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, उप शिक्षा निदेशकों, डीआइओएस कार्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं की पूर्ति के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे तीन दिनों के अंदर प्रस्ताव बनाकर नोडल अधिकारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय के माध्यम से शासन को अवगत करायें।
बैठक में सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा चन्द्र विजय सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पाण्डेय, संयुक्त सचिव माध्यमिक शिक्षा जय शंकर दुबे के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।