आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का प्रदर्शन निराशाजनक होने के कारण टीएमसी के सांसदों की संख्या घटकर 22 रह गई है। इन सबके बीच शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएम पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अब काम नहीं करना चाहता हूं।
मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों ने हमारे खिलाफ काम किया। राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात बना दिए गए। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम को बांटा गया और इसके चलते वोट भी बंट गए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हमने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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बताते चलें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आज अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्लूसी की बैठक में इसे खारिज कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के इस खराब प्रदर्शन का अब विश्लेषण शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस को स्तब्ध करने वाले प्रदर्शन के पीछे मोदी लहर और गत वर्ष खून-खराबे के साथ हुए पंचायत चुनावों के बाद टीएमसी द्वारा अल्पसंख्यकों का कथित तौर पर तुष्टीकरण मतदाताओं के ध्रुवीकरण की वजह माना जा रहा है।
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भगवा पार्टी का जनाधार अचानक बढ़ने से हैरान तृणमूल कांग्रेस खेमा बंट गया है। स्थानीय नेताओं ने शीर्ष पार्टी पदों पर काबिज लोगों की ‘‘दूरदर्शिता की कमी’’ और उनके ‘‘अहंकार भरे रवैये’’ को खराब चुनावी प्रदर्शन के पीछे की मुख्य वजह बताया, हालांकि, टीएमसी का वोट प्रतिशत इस बार बढ़ा है।
West Bengal CM Mamata Banerjee: I told at the beginning of the meeting that I don't want to continue as the Chief Minister. pic.twitter.com/KZvH9oyTec
— ANI (@ANI) May 25, 2019