CWC की बैठक मेें राहुल गांधी ने की इस्तीफे की पेशकश, वर्किंग कमेटी ने किया खारिज, कांग्रेस ने कही ये बातें

कार्यसमिति की बैठक
कार्यसमिति की बैठक में मौजूद सोनिया गांधी, राहुल गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह।

आरयू वेब टीम। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है तो कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में इसी हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्‍लूसी) की मैराथन बैठक करीब चार घंटे तक चली। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन वर्किंग कमेटी ने इसे एक मत से खारिज कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी में जल्द बड़े बदलाव की उम्मीद है, स्थिति को सुधारने के लिए खाका तैयार किया जाएगा।

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सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी हार को स्‍वीकार करती है। उन सभी लोगों का धन्‍यवाद करती है जिन्‍होंने हमें वोट दिया। हम जिम्‍मेदार विपक्ष की भूमिका में रहेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति ने उन सभी पार्टियों का भी धन्‍यवाद दिया जिन्‍होंने वैचारिक लड़ाई में हमारा साथ दिया। हम अपनी कमियों को स्‍वीकार करते हैं जिनके कारण हम उम्‍मीद के अनुरूप परिणाम नहीं मिला है। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है, लेकिन पार्टी नफरत और विभाजन के लिए लोहा लेने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी। सभी की बात सुनने के बाद राहुल ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, पी. चिदम्बरम, एके एंटनी, अहमद पटेल, शीला दीक्षित, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा आदि नेता मौजूद रहे। वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठक में नहीं पहुंचे।

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इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की थी कि हार की समीक्षा के लिए वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। वर्किंग कमेटी में इस बारे में भी चर्चा होगी कि पार्टी को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है। इसके साथ बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी की करारी हार के कारणों की समीक्षा भी की जाएगी, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही सरकार बनाई है।

वहीं हार की नौतिक जिम्मेदारी लेते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर, ओडिशा के कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक, कर्नाटक के चुनाव कैंपेन समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था।

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