आरयू वेब टीम। उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में बुधवार को दिल्ली सीबीआइ की विशेष अदालत ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया है। कृष्णानंद राय की हत्या 2005 में हुई थी और सीबीआइ कोर्ट इसकी सुनवाई कर रहा था। मुख्तार के वकील ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सरकारी वकील कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाए।
हत्या के अन्य आरोपितों में अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी शामिल थे। बजरंगी की जुलाई, 2018 में बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मालूम हो कि 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में हमलावरों ने कृष्णानंद राय और उनके छह साथियों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मृतकों में मोहम्दाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय थे। सभी सात मृतकों के शरीर में 67 गोलियां मिली थीं।
इस हत्याकांड के विरोध में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। इसके बाद केस की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआइ ने मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। 2005 में मऊ में भड़की हिंसा में नाम सामने आने पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था, तब से आज तक जेल में हैं।