आरयू वेब टीम। पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को आइएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए आज पूर्व वित्त मंत्री को जमानत दे दी है। जमानत के साथ ही कोर्ट ने शर्त भी रखी है कि बिना कोर्ट की इजाजत से चिदंबरम देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी पूर्व मंत्री को ईडी वाले मामले के चलते अगामी 24 अक्टूबर तक कस्टडी में रहना होगा।
यहां बताते चलें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसपर आज फैसला हुआ। यह आदेश जस्टिस आर. बनुमथी, ए.एस. बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय की पीठ ने सुनवाया। बीती 18 अक्टूबर को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कांग्रेस नेता ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
वहीं आज पी चिदंबरम की जमानत पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी और मामले में उनकी (चिदंबरम) जरूरत नहीं तो ही रिहा किया जाएगा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में दर्ज मामले में भी पी चिदंबरम की हिरासत जांच एजेंसी को दी गई है, यानि सीबीआइ में दर्ज मामले में बेल मिलने के बावजूद चिदंबरम ईडी की हिरासत में रहेंगे।
पी चिदंबरम को सीबीआई में दर्ज मामले में सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चिदंबरम कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर विदेश नहीं जा सकते। उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है।
यह भी पढ़ें- #INXMediaCase: अब 24 अक्टूबर तक ED की हिरासत में रहेंगे चिदंबरम
सीबीआइ ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया। जांच एजेंसी ने कहा कि वह आइएनएक्स मीडिया मामले में महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि हाई कोर्ट ने पाया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- चिदंबरम के जन्मदिन पर बेटे कार्ति ने लिखा भावुक पत्र, कहा आपको नहीं रोक सकता कोई 56 इंच
वहीं, चिदंबरम की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि चिदंबरम देश छोड़कर नहीं भागेंगे। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में बहस पूरी हो गई थी। जस्टिस आर भानुमति की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सीबीआइ की ओर से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था, देश अब भ्रष्टाचार को जरा भी सहन नहीं करेगा।