आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र में देर रात सत्ता के खेल में पलटी बाजी के बाद आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना ने सांझा प्रेस काफ्रेंस की। मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुझे भी शपथ ग्रहण का पता सुबह चला कि अजित शपथ ले रहे हैं। पवार का कहना है कि यह अजित का फैसला है, पार्टी का फैसला नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। क्योंकि नंबर हमारे पास है और शिवसेना-एनसीपी व कांगेस का गठबंधन जारी रहेगा, सरकार तो हम ही बनाएंगे।
शरद पवार ने अजित पर यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि शायद उन्होंने पार्टी के विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी का दुरुपयोग किया है। अजित के साथ तस्वीर में 11-12 विधायक देखे गए है, जो लोग उनके साथ है उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि दल-बदल कानून भी है।
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इस अवसर पर एनसीपी नेता, दो विधायकों को भी अपने साथ लेकर पहुंचे थे, जिन्होंने कहा कि हमें नहीं पता था कि अजित पवार क्या करने वाले है। हमारे नेता तो शरद पवार है। शरद पवार ने यह भी कहा कि अजित पवार पर क्या कार्रवाई की जाएगी, यह पार्टी तय करेगी।
सच्चे कार्यकर्ता कभी नहीं मिलाएंगे बीजेपी से हाथ
साथ ही शरद पवार ने कहा कि न ही एनसीपी के विधायक और न ही कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन करेंगे। सच्चे कार्यकर्ता कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे। हम बीजेपी के खिलाफ हैं। बीजेपी को समर्थन का फैसला अजित पवार का है। हम कतई इसके पक्ष में नहीं हैं। देवेंद्र फडणवीस सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। पवार ने कहा, मुझे कोई चिंता नहीं है, पहले भी मेरे साथ ऐसा हो चुका है। 30 तारीख आने दीजिए, सरकार हम बनाएंगे, हम बना सकते हैं।
पहले ईवीएम को खेल था अब चालू है नया खेल: उद्धव
इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा कि शिवसेना जो करती है, डंके की चोट पर करती है, दिन के उजाले में करती है। ये लोग सिर्फ तोड़ने की कोशिश करते हैं। ये जो खेल चल रहा है, पूरा देश देख रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि इन्हें मित्र पक्ष नहीं चाहिए, कोई विरोधी नहीं चाहिए। बस मैं ही मैं इनका सूत्र है। ये छत्रपति महाराज के महाराष्ट्र पर सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है। हम एक हैं और एक ही रहेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले ईवीएम का खेल था अब ये नया ‘खेल’ चालू है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को परिणाम आए थे। चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।