आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को नेशनल पापुलेशन रजिस्टर यानी (एनपीआर) को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। इस दौरान सपा सुप्रीमो ने एनपीआर को एनआरसी के समान बताया है।
लखनऊ में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एनपीआर भी एनआरसी ही है। सरकार जो कम एनआरसी से नहीं कर पाई वह अब एनपीआर से करने जा रही है। साथ ही अखिलेश ने सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार को जातीय जनगणना कराने में क्या दिक्कत है? एनपीआर में कई ऐसे बिंदु लाए गए हैं, जिनके कागज मिलेंगे ही नहीं। लोग कहां से लेकर आएंगे कागज यह भी एनआरसी ही है। कोई भी भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा नहीं कर रहा अब उनकी जाने की तैयारी है।
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इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों की मौत का जिम्मेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ठहया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की जाने जा रही हैं, इसका कारण मुख्यमंत्री की भाषा है। मुख्यमंत्री के ठोको बोलने का ही परिणाम है कि पुलिस ने गोली चलाई और लोगों की जान गई।
वहीं हिंसा को लेकर सामने आए वीडियो का जिक्र करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि ऐसे कई वीडियो आए हैं, जिसमें पुलिस ने नुकसान किया है। सरकार इस बात का कब आंकलन करेगी कि पुलिस ने कितनी तोड़फोड़ की। बीजेपी सरकार अपने मुद्दे पर विफल रही है तभी ऐसा कर रही है।
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इससे पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर भी भाजपा सकरार पर निशान साधते हुए कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता से यह डरी हुई सरकार जनता पर अपराधी होने का आरोप लगा रही है। गरीब लोगों की संपत्ति को जब्त करना चाह रही है। लोगों के पहनावे पर टिप्पणी दे रही है। नागरिकों से बदला लेने की धमकी दे रही है। पर सरकार यह बताए कि पुलिस द्वारा फैलाई गई बर्बरता पर कब जांच होगी?