आरयू वेब टीम। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार रात लाठी-डंडों से लैस करीब 50 नकाबपोश बदमाशों ने छात्रों व शिक्षकों पर हमला किया। हमलावरों में लड़कियां भी शामिल थीं। आरोपितों ने हॉस्टल में तोड़फोड़ की और वहां खड़ी कारों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हमले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष बुरी तरह घायल हो गईं है।
हमले में कुल 24 लोग घायल हैं, इनमें पांच शिक्षक व 19 छात्र हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। घायल छात्रों ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं घटना की कवरेज के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचे पत्रकारों से भी मारपीट की गई। घटना के कई वीडियो सामने आए हैं।
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दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली थीं, जिन्हें कल्ब करके एक केस बनाया गया है। पुलिस ने कुछ हमलावरों की पहचान भी कर ली है। पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। पुलिस ने जेएनयू प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं।
बताया जा रहा है कि हमले के बाद 11 लोग लापता हो गए हैं। यह हिंसा तब हुई जब जेएनयू शिक्षक संघ एक बैठक कर रहा था। इतिहास विभाग के एक प्रोफेसर आर महालक्ष्मी ने मीडिया को घटना का ब्योरा देते हुए कहा,‘‘हमने टी प्वाइंट पर शाम पांच बजे एक शांति बैठक आयोजित की थी। जैसे ही यह खत्म हुई, बड़ी संख्या में लोग परिसर में दाखिल हुए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर मनमाने ढंग से हमला करना शुरू कर दिया।’’
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एक अन्य प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘हमें इस बात पर आश्चर्य है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग हाथों में छड़ें लिए कैंपस में कैसे घुसे । मुझे लगता है कि वे ऐसे राजनीतिक कार्यकर्ता थे जो हमेशा हमें देशद्रोही कहते हैं।’’ ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो में, घोष के सिर से खून बहते देखा जा सकता है। वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं, ‘‘मास्क पहने हुए लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा। जब मुझसे मारपीट की गई तब मैं अपने एक कार्यकर्ता के साथ थी। मैं बात तक करने की हालत में नहीं हूं।’’