आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर बार-बार टरकाये जा रहे सीतापुर रोड योजना के किसानों ने मंगलवार को गोमतीनगर स्थित एलडीए मुख्यालय का घेराव किया। लाठी लेकर आज सैकड़ों की संख्या में एलडीए पहुंचें महिला व पुरुष किसानों ने अधिकारियों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एलडीए के गेट पर जमकर नारेबाजी की।
किसानों का कहना था कि भाजपा सरकार हमेशा ही किसानों के हितों की बात करती है, लेकिन उसकी ही सरकार में बैठे अधिकारी किसानों की सुनना भी नहीं चाहतें हैं। हालात यह है कि सालों से अपने अधिकारों के लिए भटक रहें किसानों की जमीन के बकाये मुवाअजे व चबूतरा देने की मांग को एलडीए के अधिकारियों ने पिछले महीने पूरा करने को कहा था, लेकिन अब तक पूरा नहीं किया।
…तीन बजे तक नहीं माने अधिकारी तो सीएम आवास की ओर करेंगे कूच
भारतीय किसान यूनियन राजू गुप्ता संगठन के बैनर तले जुटे किसानों ने सुबह ही एलडीए गेट पर टेंट व लाउडस्पीकर लगाने के साथ ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज किसानों ने एलडीए विरोधी नारेबाजी करते हुए सुबह एक मांग पत्र के माध्यम से ऐलान कर दिया कि दोपहर तीन बजे तक अगर एलडीए के अधिकारी उनका अधिकार नहीं देंगे तो वह लोग सीएम आवास के लिए कूच करने को मजबूर होंगे।
किसानों की घोषणा के बाद दोपहर में एलडीए पहुंचें एसीपी गोमतीनगर संतोष कुमार सिंह व गोमतीनगर पुलिस ने एलडीए सचिव मंगला प्रसाद सिंह के कार्यालय में किसानों के प्रतिनिधि मंडल से उनकी वार्ता कराई।
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वार्ता के बाद शाम को प्रदर्शन समाप्त करते हुए किसान यूनियन के जिला प्रभारी रमेश राजपूत ने बताया कि एलडीए सचिव ने आठ दिन में किसानों को चबूतरा देने व अन्य मांगों को पूरी करने की बात कही है। साथ ही किसानों के बकाए मुआवजे के लिए सचिव ने जिला प्रशासन स्तर पर वार्ता के बाद सार्थक परिणाम निकलने का आश्वासन दिया है।
साथ ही किसान नेता ने कहा कि सालों से एलडीए के अधिकारी किसानों को उनके ही मुआवजे व चबूतरे के लिए दौड़ा रहें हैं। करीब एक महीना पहले भी अधिकारियों ने किसानों की मांगों को जाएज बताते हुए उसे पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अधिकारियों ने किसानों का भरोसा एक बार फिर तोड़ दिया। आज इसी बात से नाराज होकर किसानों ने एलडीए मुख्यालय का घेराव किया था।
यूनियन के अनुसार ये है किसानों की प्रमुख मांगें-
सीतापुर रोड योजना के 23 सौ किसानों को चबूतरा दिया जाना था, लेकिन सात सौ किसानों को ही सालों बीतने के बाद भी आज तक चबूतरे दिए गए हैं। बाकी किसानों को चबूतरे दिए जाएं।
योजना के बचे किसानों के अलावा उन किसानों को मुआवजा दिया जाए, जिन्हें गलत दर के आधार पर मुआवजा दिया गया था।
सीतापुर रोड योजना व रेलवे लाइन के बीच कि उन जमीनों को किसानों को वापस किया जाए जिनका एलडीए ने आज तक किसानों को मुआवजा ही नहीं दिया है।
किसानों के चबूतरों से अवैध कब्जे हटाकर उन्हें किसानों को दिए जाएं साथ ही जिन चबूतरों की रजिस्ट्री में आपत्तियां लगायीं गयीं है, जांच कराने के बाद उनकी रजिस्ट्री की जाए।