मुआवजे के लिए LDA गेट पर किसानों ने प्रदर्शन कर कहा, अपनी ही बोर्ड बैठक के फैसले को नहीं मान रहें अधिकारी

मुआवजे की मांग
एलडीए के गेट पर मुआवजे के लिए नारेबाजी करते किसान।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। करीब तीन दशकों से जमीन के बाकी मुआवजे की मांग को लेकर गुरुवार को किसानों ने गोमतीनगर स्थित एलडीए के गेट पर प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन राष्‍ट्रीयतावादी (भाकियूरा) के बैनर तले सैंकड़ों महिलाओं समेत बड़ी संख्‍या में गेट पर डेरा जमाए किसानों का कहना था कि किसानों की जमीन का मुआवजा देने के मामले में एलडीए अपनी ही बोर्ड बैठक में लिए फैसले को नहीं मान रहा है।

एलडीए के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी किसानों को मुआवजा देने के मामले में एलडीए के अधिकारी मनमानी कर रहें हैं। दिन भर चले धरने के बाद किसान एलडीए के नजूल अधिकारी पंकज कुमार से वार्ता कर लौट गए। किसानों का कहना था कि नजूल अधिकारी से बातचीत के बाद एलडीए वीसी ने अगामी 11 नवंबर को किसानों की समस्‍या पर बात करने के लिए बुलाया है। उस दिन भी अगर एलडीए के अधिकारियों ने बहाना बनाकर टरकाने की कोशिश की तो किसान रणनीति के तहत सड़कों पर उतरकर एलडीए के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

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भाकियूरा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष प्रेम सिंह यादव ने बताया कि एलडीए ने साल 1985 के आसपास के गोमतीनगर फेस वन व उसके बाद फेस टू को बसाने के लिए जमीनें ली थी। जिसका मुआवजा गलत तरीके से उन्‍हें ढाई रुपए वर्ग फिट के हिसाब से दिया गया था, लेकिन बड़ी संख्‍या में किसानों के कोर्ट जाने के बाद एलडीए ने कोर्ट के आदेश के पर उन्‍हें चार रुपए साठ पैसे वर्ग फिट के हिसाब से मुआवजा दिया था।

किसान नेता ने आगे बताया कि बाकी के करीब एक हजार किसानों की जमीन का चार रुपए साठ पैसे के हिसाब से मुआवजा देने के लिए साल 2016 में एलडीए की बोर्ड बैठक से अनुमति मिल चुकी है, लेकिन एलडीए के वर्तमान अधिकारी अब अपने ही विभाग की बोर्ड बैठक के फैसले को मानने में आनाकानी कर रहें हैं, जो किसानों के साथ सरासर अन्‍याय है।

प्रेम सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा आज भी उन लोगों ने प्रदर्शन कर एलडीए वीसी से मिलने की मांग की थी, लेकिन एलडीए उपाध्‍यक्ष ने कार्यालय में उपस्थित रहने के बाद भी किसानों से मिलना जरूरी नहीं समझा। शाम को किसानों के प्रतिनिधिमंडल की नजूल अधिकारी से बात कराई गयी, लेकिन उन्‍होंने भी 11 नवंबर को एलडीए वीसी से मिलाने व किसानों की मांग पर बात करने का आश्‍वासन देकर लौटा दिया। इस दौरान मौजूद एसीएम चतुर्थ ने भी भरोसा दिलाया है कि अगर एलडीए के स्‍तर से बात नहीं बनीं तो वो किसानों की मुलाकात मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से कराएंगें।

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प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन राष्‍ट्रीयतावादी के अध्‍यक्ष राम चंद्र सिंह, उपाध्‍यक्ष प्रेम सिंह यदव, महासचिव जनार्दन गुप्‍ता के अलावा किसान नेता विष्‍णु मिश्रा, ओम प्रकाश सिंह, हरिशंकर शुक्‍ला, रावेंद्र सिंह चौहान, रमाकांत अर्कवंशी, गजेंद्र दुबे, प्रेम शंकर पांडेय, संजय शुक्‍ला, जर्नादन गुप्‍ता समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहें।

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किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। आज नजूल अधिकारी ने उनकी बात को पूरी तरह से समझा है। समस्‍या हल करने के लिए किसानों को 11 नवंबर को बुलाया भी गया है। एमपी सिंह, एलडीए सचिव

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