आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। जमीन के मुआवजे समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आज लखनऊ विकास प्राधिकरण के गेट पर सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन किया। एलडीए के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए पहुंचे किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी लाठी लेकर शामिल हुई। दोपहर में एलडीए पहुंचे किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा करते हुए एलडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरने का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रवादी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि गोमतीनगर योजना के फेज टू में एलडीए ने 30 साल पहले सैकड़ों किसानों से जमीन ली थी। मुआवजे के रूप में एलडीए ने अब तक किसानों को चार रुपए 60 पैसे प्रति वर्ग फुट की जगह मात्र दो रुपए 10 पैसे की दर से ही भुगतान किया है।
जबकि पिछले साल मई में हुई एलडीए की बोर्ड बैठक में भी इस बात की मोहर लग चुकी है कि किसानों को चार रुपए 60 पैसे प्रति वर्ग फुट की दर से मुआवजा दिया जाए, लेकिन इसके बाद भी एलडीए के अधिकारी आज तक किसानों को बहाने बनाकर दौड़ाते रहे हैं।
वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों का हक देना तो दूर अब तो एलडीए के अधिकारी किसानों के बार-बार समय मांगने पर उनसे बात करने को भी नहीं तैयार हैं। इन परिस्थितियों में अब एलडीए जब तक हम लोगों की मांगे नहीं मानेगा किसान प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे। साथ ही दो दिन बाद प्रदेश भर से आए किसान हम लोगों के समर्थन में एलडीए के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
मुआवजे के अलावा किसानों की अन्य मांगें-
चबूतरों की लॉटरी कर किसानों को आवंटन किया जाए।
चिनहट तिराहे पर किसानों के भूखण्डों के सामने किए गए गए अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाए।
गांव के किनारे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए जमीन छोड़ी जाए।
तखवां गांव का अधूरा विकास कार्य पूरा किया जाए। गांवों के बाहर कूड़ा डालने की जगह चिन्हित की जाए।
चिनहट इलाके में खाली पड़ी ग्राम समाज की जमीन पर चाहरदीवारी बनवाई जाए।
पूर्व में कहा गया 11.2 प्रतिशत इनकम टैक्स वापस कराया जाए।
बारात घर के लिए चिन्हित की गई जगह पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाए।
जिन स्कूलों को छूट पर जमीन दी गई है उनमें किसानों के बच्चों को 25 प्रतिशत फीस लेकर शिक्षा दिलाने का प्रबंध किया जाए।
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किसानों की समस्या को लेकर कार्रवाई करने के निर्देश नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा को दिए गए हैं। जल्द ही हर संभव कार्रवाई कर उनकी समस्या हल कर दी जाएगी। जयशंकर दूबे, एलडीए सचिव