#JPNIC: करोड़ों खर्च, फिर भी LDA की कारस्‍तानी से भारत रत्‍न JP का म्‍यूजियम बना तंदूर, अब दस लोग भी नहीं आते, तस्‍वीरों में देखें बदहाली

जय प्रकाश नारायण
बेसमेंट तक पहुंची धूप से भी चढ़ता है म्यूजियम का पारा व क्रैक शीशा दे रहा दुर्घटना को दावत।

आरयू एक्‍सक्‍लूसिव, 

लखनऊ। देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले भारत रत्‍न जय प्रकाश नारायण की याद में पिछली अखिलेश सरकार में बनवाया गया शानदार और आरामदेह म्‍यूजियम अब जेल से भी ज्‍यादा लोगों के लिए कष्‍टदायक बन गया है। गोमतीनगर के विपिन खंड स्थित निर्माणाधीन जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआइसी) के परिसर में जनता के लिए खोले गए इस म्‍यूजियम का हाल एलडीए की कारस्‍तानी के चलते ऐसा हो चुका है कि सुबह से शाम तक दस लोग भी इसे देखने की हिम्‍मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

इस भीषण गर्मी में अगर पत्‍थर, कंक्ररीट और शीशे से बने संग्राहलय में कोई पहुंच भी जाता है तो एसी, कूलर तो दूर पंखा तक नहीं होने की वजह से तंदूर जैसा एहसास कराने वाले म्‍यूजियम से उसे बैरंग ही भागना पड़ता है। म्‍यूजियम में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार कई दिन तो ऐसा भी बीत रहा है कि, जब सुबह से शाम तक इसे देखने कोई भी नहीं पहुंचता।

जय प्रकाश नारायण
पानी के रिसाव के चलते गिर गयी फॉल सीलिंग।

इस महीने की बात की जाए तो सोमवार एक जुलाई को म्‍यूजियम की साप्‍ताहिक बंदी थी, जिसके बाद मंगलवार को यहां आने वाला का खाता तक नहीं खुला, जबकि बुधवार को दो, गुरुवार को चार, शुक्रवार को दो और शनिवार यानि छह जुलाई को मात्र सात लोग ही करोड़ों की लागत और विदेशी सामानों से सुसज्जित म्‍यूजियम देखने पहुंचे।

ऐसे हालत तब है जब म्‍यूजियम की देख-रेख के लिए कागजों में एलडीए के इंजीनियरों और कर्मचारियों की फौज तैनात होने के साथ ही एक प्राइवेट कंपनी को भी एलडीए करीब 20 लाख रुपए म्‍यूजियम के संचालन के लिए सलाना दे रहा है। इसके अलावा करीब दस करोड़ की लागत से एसी व उसे पावर सप्‍लाई देने के लिए लगाए गए सोलर प्‍लांट भी एलडीए की लापरवाही व मनमानी के चलते बंद पड़े हैं।

जय प्रकाश नारायण
सूखकर गिरा पेड़ व पीछे बनी सीढ़ियों से लोगों को जाना पड़ रहा दूसरे तलों पर।

साल भर से लिफ्ट खराब, तपती धूप में ग्राउंड से जाना होगा फर्स्‍ट फ्लोर

म्‍यूजियम में लगी लिफ्ट भी करीब साल भर से खराब बतायी जाती है। ऐसे में अगर कोई दोपहर में म्‍यूजियम के ग्राउंड से फर्स्‍ट फ्लोर पर जाना चाहे तो संग्राहलय की बनावट की वजह से उसे बाहर निकलने के बाद तपती दोपहर में काफी घूमकर सीढ़ियों से होकर वहां पहुंचना होगा। जबकि लिफ्ट सही होने पर म्‍यूजियम से बिना बाहर निकले ही बेसमेंट से लेकर दूसरे तल तक एक से दो मिनट में पर्यटक पहुंचते थे। 

बोला इलेक्‍ट्रीशियन, “एलडीए से आदेश नहीं, इसलिए नहीं चलाता एसी”

जेपीएनआइसी में एलडीए का अपना सोलर प्‍लांट होने के बावजूद भीषण गर्मी में भी एसी बंद होने की वजह पूछने पर वहां मौजूद खुद को पैंथर का इलेक्‍ट्रीशियन बताने वाले का कहना था कि एलडीए से आदेश नहीं है, इसलिए म्‍यूजियम की एसी बंद है। आदेश मिलने पर ही वो एसी चला सकता है।

जय प्रकाश नारायण
पानी से खराब हुई दीवार व खराब पड़ी शू कवर मशीन।

जगह-जगह से टपका पानी, दीवारें-मैट हो गयीं खराब, फॉल सीलिंग भी गिरी

विदेशी सामानों से सजा अंडरग्राउंड समेत चार मंजिला लोकनायक का ये म्‍यूजियम बुरी तरह से तपने के साथ ही अब मेंटीनेंस के आभाव में बदरंग भी होता जा रहा। पिछली बरसात में छत और दीवारों से जगह-जगह पानी टपकने के चलते दर्जनों जगाहों पर दीवारें खराब हो चुकी हैं। पानी के चलते फर्स्‍ट फ्लोर की फॉल सीलिंग गिरने के अलावा कई जगाहों पर जमीन की मैट भी बदरंग हो गयी है, लेकिन इन्‍हें एलडीए आज तक ठीक नहीं करा सका है। वहीं अब भी ध्‍यान नहीं दिया गया तो जल्‍द ही होने वाली बरसात में म्‍यूजियम के हालात और भी ज्‍यादा बिगड़ जाएंगे।

जय प्रकाश नारायण
यहां ऑडियो-वीडियो सब बंद।

लोकनायक के म्‍यूजियम में महानायक भी कर दिए गए खामोश

‍वहीं पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लोकनायक के म्‍यूजियम में महानायक अमिताभ बच्‍चन की सुनाई देने वाली आवाज भी बंद कर दी गयी है। जानकारों का कहना है कि पहले लोकनायक के जीवन मूल्‍यों को जानने-समझने के साथ ही एक बड़ा वर्ग ऐसा भी था जो अमिताभ बच्‍चन की आवाज में सिर्फ डॉक्यूमेंट्री सुनने ही म्‍यूजियम तक खिंचा चला आता था, लेकिन आवाज के भी खामोश होने से लोग मायूस होकर लौटते गए और पर्यटकों की संख्‍या आज दहाई के आंकड़े को भी मुश्किल से पार नहीं कर पा रही।

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जय प्रकाश नारायण
दीवार से उखड़कर टूट चुका है पत्थर।

शीशे से लेकर पत्‍थर तक टूटा, कई मशीनें हुई बंद

ऑडियो सिस्‍टम, डीजिटल लाइब्रेरी, फर्स्‍ट फ्लोर पर लगी शू कवर मशीन, शुरूआती दिनों में आकर्षण का केंद्र रही काइनेटिक बॉल समेत कई दूसरी मशीनें भी अब खराब हो चुकी है। इसके अलावा फर्स्‍ट फ्लोर के वॉशरूम का हाल भी काफी बुरा है, उसमें पानी तक की समुचित व्‍यवस्‍था नहीं थी। वहीं कई जगाहों पर म्‍यूजियम पर लगे शीशे क्रैक होकर हादसों को दावत दे रहे हैं, जबकि दीवारों पर लगे कीमती पत्‍थर भी जमीन पर गिरकर टूटे थे।

जय प्रकाश नारायण
पार्किंग से म्यूजियम को जाने वाला रास्ता झाड़ियों में गुम, रेलिंग भी टूटी।

बदहाली में बदली हरियाली, कूड़े के ढेर आएंगे नजर

पूरे दिन गुलजार रहने वाले अंबेडकर पार्क के ठीक सामने बने जेपीएनआइसी के मेन गेट के ठीक ऊपर जहां पहले एक से बढ़कर एक पेड़ लगाए थे। वहां अब झाड़ियां उगी हैं, जो पेड़ लगे थे उनमें से भी अधिकतर देख-रेख के आभाव में सूख गए हैंं। इसके अलावा गेट से इंट्री करते ही रास्‍तें में दोनों ओर व बीच में भी झाड़ियां निकल आयीं है।

जय प्रकाश नारायण
म्यू्जियम के बाहर लगा कूड़े का ढेर।

वहीं म्‍यूजियम के चारों ओर कही पेड़ टूटकर गिरा है तो कहीं कूड़े का ढेर सिग्‍नेचर बिल्डिंग के परिसर को दाग लगा रहा है। परिसर की हरियाली की बदहाली का ऐसा हाल तब है जब एलडीए में एक उद्यान अनुभाग भी है, जो  एलडीए की कालोनियों व पार्कों को हरा-भरा करने का दावा करता है, लेकिन एलडीए मुख्‍यालय से ही चंद कदमों की दूरी पर बनी इस सिग्‍नेचर बिल्डिंग के परिसर की बदहाली उसके भी दावों की सच्‍चाई बयान कर रही है।

जय प्रकाश नारायण
लावारिस पड़ा म्यूजियम का मेन गेट।

इनके जिम्‍मे थी म्‍यूजियम संभालने की जिम्‍मेदारी, लेकिन सब थे लापता

शनिवार को वास्‍तविकता जांचने पर पता चला कि म्‍यूजियम घूमने वालों से ही नहीं, बल्कि इसको संभालने के लिए लगाए गए अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारियों से भी विरान हो चुका है। जानकारी के अनुसार म्‍यूजियम की जिम्‍मेदारी उद्यान अधिकारी समेत दो अधिशासी अभियंता, दो सहायक अभियंता, चार जेई, दो बाबू, दो सुपरवाइजर, दो चौकीदार, तीन सफाईकर्मी, एक माली, दो मेट व एक बेलदार के कंधों पर है, जबकि इनमें से मौके पर कोई नहीं मिला।

बदहाली पर सीसीटीवी की नजर।

जिम्‍मेदार ही गायब, तो प्राइवेट कंपनी भी मस्‍त

वहीं संचालन के नाम पर सालभर में करीब 20 लाख रुपए एलडीए से लेने वाली प्राइवेट एजेंसी पैंथर सिक्‍योरिटी गार्ड सर्विसेज की ओर से मौके पर तीन गाइड, एक इलेक्‍ट्रीशियन, दो सफाईकर्मी समेत कुल छह स्‍टॉफ मौजूद थे, जबकि एलडीए से किए गए अनुबंध के अनुसार कुल 13 कर्मचारियों को वहां प्रतिदिन मौजूद रहना चाहिए।

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हालांकि यहां एक तरह से देखा जाए तो बात-बात पर बचत का रोना-रोने वाला एलडीए प्राइवेट कंपनी की जगह अपने कमचारियों से भी प्राइवेट कंपनी को दिए गए काम लेकर जनता के 20 लाख रुपए की बचत कर सकता था।

जय प्रकाश नारायण
गेट से घुसते ही दिख जाएगी एलडीए की संजीदगी।

तत्‍कालीन सीएम ने किया था लोकार्पण, योगी के मंत्री ने लगाए थे आरोप

बताते चलें कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण और अमिताभ बच्‍चन की जयंती के मौके पर 11 अक्‍टूबर 2016 को यूपी के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव व पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने म्‍यूजियम का लोकार्पण किया था।

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पानी के चलते दीवारों में आने लगीं दरारें।

लोकार्पण के कुछ समय बाद ही यूपी में सरकार बदलने पर जेपीएनआइसी में बड़े भ्रष्‍टाचार का आरोप खुद योगी सरकार के मंत्री सुरेश पासी ने अपने निरीक्षण के दौरान मीडिया के सामने लगाया था, लेकिन करीब ढाई साल बीतने के बाद भी आजतक ये बात साबित नहीं हो सकी।

जानें क्‍या बोले जिम्‍मेदार

लंबे अर्से से म्‍यूजियम से जुड़े अधिशासी अभियंता (सिविल) आनंद मिश्रा का दावा था कि म्‍यूजियम में अधिकतर चीजें काम कर रहीं हैं, और जो कमियां रह गयी हैं, उन्‍हें ठीक कराया जाएगा। हालांकि एलडीए और प्राइवेट एजेंसी के कर्मचारियों के मौके से गायब रहने और पर्यटकों की संख्‍या दिनोंदिन समाप्‍त होने के बारे में वो कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

जय प्रकाश नारायण
पानी रिसाव से खराब हुई दीवार व बगल में जेपी के आंदोलन को दर्शाती तस्वीर।

वहीं एसी, लिफ्ट व विद्युत से जुड़ी म्‍यूजियम की अन्‍य चीजों की देख-रेख का जिम्‍मा संभाल रहे एक्‍सईएन इलेक्ट्रिकल राजीव सिंह ने कहा, इलेक्‍ट्रीशियन द्वारा एसी नहीं चलाने की बात पूरी तरह से गलत है, एसी और सोलर प्‍लांट चलाने के लिए टीम चाहिए जो फिलहाल नहीं है। इसके लिए टेंडर कराया जा रहा है, जल्‍द ही एसी चालू कराने के साथ ही दूसरी कमियों को भी दूर किया जाएगा।

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इसके अलावा उद्यान अधिकारी एसपी सिसोदिया का कहना है कि एलडीए के पार्कों और कालोनियां की हरियाली की बेहतरी के लिए वो काम कर रहें हैं, लेकिन म्‍यूजियम के बारे में अभी उन्‍हें जानकारी ही नहीं दी गयी है, सोमवार को वो खुद वहां जाकर देखेंगे कि हालात को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।