आरयू ब्यूरो, लखनऊ/अयोध्या। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे। इस दौरान राम मंदिर को लेकर उन्होंने बड़ी घोषणा की। उन्होंने मंदिर के लिए एक करोड़ रुपये की राशि देने का एलान करते हुए कहा कि मैं सरकार की ओर से नहीं, बल्कि अपने ट्रस्ट की ओर से मंदिर के लिए करोड़ की घोषणा करता हूं।
मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं राम लल्ला का आशीर्वाद लेने यहां आया हूं। आज मेरे साथ मेरे ‘भागवा’ परिवार के कई सदस्य हैं। पिछले 1.5 वर्षों में यह मेरी तीसरी यात्रा है। मैं भी आज दर्शन करूंगा। वहीं भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्व को लेकर पूछे सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैं भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं। भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है। हिंदुत्व अलग है और भाजपा अलग है।’
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र का CM बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने पहली बार की प्रधानमंत्री से मुलाकात, CAA, NRC व NPR पर हुई चर्चा
साथ ही उद्धव ने उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या में किसी स्थान पर जमीन मुहैया कराने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से विनती करता हूं कि महाराष्ट्र से जो राम भक्त आएंगे उनके रहने के लिए जमीन दें। हम महाराष्ट्र भवन बनाएंगे। महाराष्ट्र के लोग अयोध्या आएं तो इस भवन में ठहरेंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर रामलला दरबार में माथा टेका और हनुमानगढ़ी के दर्शन भी किए, लेकिन वह न तो सरयू आरती करेंगे, और न ही किसी प्रकार की जनसभा में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी तथा सामना की संपादक रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे। इसके अलावा शिवसेना के तमाम नेता भी अयोध्या पहुंचे।
वहीं उद्धव ठाकरे का अयोध्या में संत-महंतों ने विरोध किया है। इसके बाद विरोध करने वाले संतों, महंतों व हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष राकेशधर मिश्रा को उनके आवासों पर ही नजरबंद कर दिया गया। सभी के आवासों के बाहर पुलिस तैनात है। हिंदू महासभा के महंत परशुराम दास भी नजरबंद किए गए हैं। तपस्वी छावनी के संत परमहंस को उनके आश्रम में नजरबंद किया गया है। इसके साथ ही हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास को भी नजरबंद किया गया है। ये सभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के विरोध की घोषणा की थी।