आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रमिकों के साथ-साथ ठेला, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, पल्लेदार, या अन्य सेवाएं देने वाले करीब पांच लाख लोगों के खाते में डीबीटी के माध्यम से एक-एक हजार की धनराशि ट्रांसफर की।
कोर टीम के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए आज दैनिक वेतन भोगी चार लाख 81 हजार 755 लोगों के खाता में एक-एक हजार रुपया की धनराशि ट्रांसफर की। इस मौके पर योगी ने कहा कि बहुत आवश्यक हो तभी लोग घर के बाहर निकलें अन्यथा घर में रहें। सोशल डिस्टेंसिंग व स्वच्छता के बारे में दी गई व्यवस्था का पालन करें और घर के बाहर निकलें तो मास्क, गमछा या तौलिया लपेटकर ही बाहर निकलें।
योगी ने आगे कहा कि जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण काल में हम केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश के हर गरीब तथा मजदूर को दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपलब्ध कराने के साथ ही आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों के उत्तम स्वास्थ्य तथा सुरक्षित भविष्य को लेकर बेहद मुस्तैद है। यूपी सरकार उनकी आर्थिक मदद भी कर रही है। योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलाधिकारियों से वार्ता करने के दौरान हर गरीब को अपेक्षित मदद प्रदान करने का निर्देश दिया।
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साथ ही यागी ने कहा कि लंबे समय से उपेक्षित चार लाख 81 हजार नगरीय क्षेत्रों के वेंडर्स की सहायता करने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जिन लोगों के पास राशन कार्ड या कोई अन्य सुविधा नहीं है, उन लोगों को भी सुविधाओं से आच्छादित करने का कार्य व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। उनको भरण-पोषण भत्ता, राशन कार्ड उपलब्ध कराकर, खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्रवाई हो। कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि की सुविधाएं प्रदेश व केंद्र की सरकारें मिलकर प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में एक अप्रैल से खाद्यान्न का वितरण आरंभ हो गया है। ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ की घोषणा की है, जिसमें प्रदेश के दो करोड़ 34 लाख किसानों को 2,000 प्रतिमाह आगामी तीन महीनों तक दिए जाने की व्यवस्था है।
वहीं जनधन योजना में जिन महिलाओं के खाते हैं, उन्हें 500 प्रतिमाह आगामी तीन महीने तक देने की व्यवस्था है। इसके साथ ही उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक गैस सिलेंडर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना है। जबकि प्रदेश में 88 लाख मनरेगा श्रमिकों के मानदेय को बढ़ाकर 202 किया गया है। लगभग 27 लाख 15 हजार से अधिक मनरेगा श्रमिकों, जिनकी बहुत दिनों से कुछ राशि बकाया थी, उन्हें एकमुश्त राशि दी गई।