CM योगी का अधिकारियों को निर्देश, सुनिश्चित करें लॉकडाउन में कर्मचारियों का वेतन न काटें कंपनियां व संस्थान

समीक्षा बैठक
अधिकारियों के साथ बैठक करते मुख्यमंत्री।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कोरोना पर नियंत्रण और बचाव के लिए गठित 11 कमेटियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक की। उन्होंने प्रदेश में कोराना वायरस की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को कुछ जरूरी निर्देश दिए।

इनमें सबसे जरूरी निर्देश था कि लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारियों द्वारा ‘वर्क फ्रॉम होम’ किया जा रहा है। अत: उनका पूरा वेतन/मजदूरी आगामी माह के प्रथम सप्ताह में वितरित कर दिया जाए। लॉकडाउन के दौरान बंद पड़ी कंपनियों, उद्यमों और संस्थानों में काम करने वालों के वेतन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोराना लॉकडाउन के चलते जो उद्यम, संस्थान बंद हैं, उन संस्थानों को अपने हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी ऐसा उद्यम या संस्थान लॉकडाउन का हवाला देकर अपने कर्मचारियों का वेतन न काटने पाएं।

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योगी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर गरीब, दिहाड़ी मजदूर को 1000 रुपए मिले। चाहे वे भले ही प्रदेश के किसी भी कोने में हो। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ऐसे मजदूरों और जरूतरमंदों को ढूंढें और पैसा पहुचाएं। योगी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पूरे प्रदेश में अल्प वेतन भोगी, श्रमिकों या गरीब लोगों से मकान मालिक किराया ना लें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह उनकी मानवीय अपील है। सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि बिजली और पानी के बिल बकाया होने के चलते किसी का भी कनेक्शन नहीं काटा जाए।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी हमारी, उन्हें भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे। उनके चलते बाकी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा भी नहीं पैदा होने देंगे। वे अपने राज्य में नहीं जाना चाहते तो भी कोई बात नहीं, सबकी हिफाजत मेरी जिम्मेदारी। हर जिले में डीएम सामानों की लिस्ट की कीमत लगाएं। उसका पालन कराएं, जो जमाखोरी की गड़बड़ करें उनके खिलाफ एफआइआर समेत कड़ी कार्रवाई करे।

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