आरयू ब्यूरो, लखनऊ। औरैया सड़क दुर्घटना में जान गवांने वाले मजदूरो और घायलों को एक ही ट्रक से भेजने पर भड़कीं मायावती ने सोमवार को दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देशों को गंभीरता व संवेदनशीलता से नही लिया जा रहा है, जो अति दुखद है।
मायावती ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि औरैया, यूपी की भीषण दुर्घटना में मारे गए मजदूरों व घायलों को इकट्ठा ट्रक में भरकर उनके घर भेजने की हृदयहीनता पर उभरा जन आक्रोश उचित ही है। इससे साबित होता है कि सीएम के निर्देशों को गंभीरता व संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है। अति-दुःखद। दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि देश में अभी भी हर जगह लाखों गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों की बर्बादी, बदहाली व भूख-प्यास आदि के दृश्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। खासकर ऐसे महाविपदा के समय में इन लोगों पर पुलिस व प्रशासन की बर्बता को रोकना केंद्र व राज्य सरकारों के लिए बहुत जरूरी है।
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वहीं आज तीसरे ट्वीट में मायावती ने सरकारों से अपील है कि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी के साथ-साथ मानवता व इंसानियत के नाते भी घर वापसी कर रहे गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने हेतु सरकारी शक्ति व संसाधन का पूरा इस्तेमाल करें, क्योंकि देश इनके ही बल पर ’आत्मनिर्भर’ बनेगा।
ये था पूरा मामला
बता दें कि औरैया सड़क हादसे के शिकार मजदूरों के शवों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजा रहा था। यही नहीं उसी ट्रक पर शवों के साथ घायल मजदूरों को भी बिठा दिया गया था। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले पर ट्वीट किया और तब जाकर यूपी प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में शवों को शव वाहन में शिफ्ट किया गया।
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रिपोर्ट के अनुसार, ट्रकों को प्रयागराज में दिल्ली-हावड़ा नैशनल हाइवे पर रोका गया। बताया जा रहा है कि बोकारो जा रहे जिस ट्रक पर आठ शवों के साथ मजदूरों को बिठाए जाने की तस्वीर झारखंड सीएम ने ट्वीट की थी उसे भी बाकी ट्रकों के साथ एनएच-2 पर रोका गया। पूरे हाइवे को छावनी में तब्दील कर दिया गया और एक तरफ के रास्ते के ब्लॉक कर दिया गया था। यहां करीब पांच घंटे तक ट्रक खड़े रहे, जिसके बाद वहां ऐंबुलेंस पहुंची और शव वाहन पहुंचे। शवों को उसमें शिफ्ट करके भेजा गया।
‘एक ट्रक ड्राइवर ने मीडिया को बताया कि शवों से इतनी तेज दुर्गंध आ रही थी कि आगे भी बैठना मुश्किल हो रहा था।’ बताया जा रहा कि करीब 17 शवों को तीन ट्रकों में भरकर झारखंड के बोकारे और पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था। इनमें से 12 शव झारखंड भेजे जाने थे।