आरयू ब्यूरो, लखनऊ। काफी समय से बीमारी से जूझ रहे मध्य प्रदेश के राज्यपाल व लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ में निधन हो गया। 85 वर्ष की अवस्था में लालजी टंडन ने आज सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर मेदांत में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। उनके बेटे नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने यह जानकारी दी।
लालजी टंडन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश की तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। योगी सरकार ने यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया है।
मेदांता के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि लालजी टंडन को 11 जून को भर्ती किया गया था। जिसके बाद उनकी जांच में पाया गया था कि वह लिवर रोग से संक्रमित थे, स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। पिछले 24 घंटों से लालजी टंडन के किडनी और लिवर ने काम करना बंद कर दिया था। सभी प्रयासों के बाद भी आज सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर उनका निधन हो गया।
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उल्लेखनीय है कि 11 जून को भर्ती होने के बाद 13 जून को लालजी टंडन को पेट मे रक्तस्त्राव होने पर ऑपरेशन किया गया। इसके बाद वह वेंटिलेटर पर चले गए। हल्का सुधार हुआ तो दो दिन बीच में बाई-पैप मशीन पर शिफ्ट किया गया। मगर तबियत फिर बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया। इसके बाद वह खुद से सांस लेने में सक्षम नहीं हो सके।
बेटे आशुतोष टंडन ने बताया कि लालजी टंडन के पार्थिव शरीर को आज सुबह दस बजे से 12 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए हजरतगंज की त्रिलोकीनाथ रोड की कोठी नंबर नौ में रखा जाएगा। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को चौक के 64 सोंधी टोला ले जाया जाएगा। जहां से शाम चार बजे उनकी अंतिम यात्रा गुलाला घाट के लिए प्रस्थान करेगी। शाम साढ़े चार बजे गुलाला घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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साथ ही आशुतोष टंडन ने अपने संदेश में सभी से प्रार्थना कि है की इस दौरान शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही बाबूजी (लालजी टंडन) को श्रद्धा सुमन अर्पित करें, जिससे कि सोशल डिसटेंसिंग का पालन हो सके।
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मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालजी टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे। इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और निधन बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
संक्षेप में लालजी टंडन का जीवन परिचय
12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्म हुआ था।
लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की।
1952 में जनसंघ के संस्थापक सदस्य बने।
लखनऊ नगर महापालिका 1962 और दोबारा 1967 में सभासद चुने गए।
1974 में लखनऊ पश्चिम विधानसभा से विधायकी चुनाव में डेढ़ हजार मतों से हार गए। इस दौरान वह लखनऊ महानगर जनसंघ के अध्यक्ष बने। जेपी आंदोलन के उत्तर प्रदेश के सह संयोजक बने।
छह मई 1978 से पांच मई 1984 तक विधान परिषद का सदस्य चुने गए।
छह मई 1990 से अक्टूबर 1996 तक विधान परिषद के सदस्य के साथ ही विधान परिषद में नेता सदन भी रहे।
24 जून 1991 से छह दिसंबर 1992 तक प्रदेश सरकार में ऊर्जा एवं आवास, नगर विकास मंत्री बनाए गए।
1996 के मध्यावधि चुनाव में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधान सभा का चुनाव में जीत हासिल की।
21 मार्च से 1997 से आठ मार्च 2008 तक और तीन मई 2002 से 25 अगस्त 2003 तक आवास एवं नगर विकास मंत्री रहे।
2009 चुनाव में वह लोकसभा का चुनाव जीते, लेकिन 2014 के चुनाव में भाजपा ने उनकी जगह राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था।