आरयू वेब टीम। हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है। अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की ओर से दाखिल याचिका पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि एफआइआर में कप्पन के खिलाफ कोई अपराध का जिक्र नहीं है, उन्हें पांच अक्टूबर से ही जेल में रखा गया है। हम जब कप्पन से मिलने की अनुमति लेने मजिस्ट्रेट के पास गए तो जेल जाने के लिए कहा गया।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। इसके बाद दलील रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि हम सिद्दीकी कप्पन से मिलना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि उसके साथ क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करेंगे।
गौरतलब है कि सिद्दीकी कप्पन पिछले 41 दिनों से जेल में बंद हैं। कप्पन के परिवार वालों का कहना है कि अर्नब गोस्वामी को जमानत मिलने के बाद उन्हें लगा कि उनके पति को इंसाफ नहीं मिला। साथ ही कहा कि गिरफ्तारी के बाद से ना ही कोर्ट और जेल अधिकारियों ने उन्हें उनके पति से मिलने नहीं दिया, उन्हें अपने पति के बारे में कोई खबर नहीं मिलती है। कप्पन की पत्नी ने सवाल करते हुए पूछा कि क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं। साथ ही कहा कि उनके पति को जरूर इंसाफ मिलेगा। इससे पहले कप्पन की पत्नी ने राहुल गांधी से भी अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाई थी।
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बता दें कि सिद्दीकी कप्पन एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जिन्हें छह अक्टूबर को हाथरस जाते समय यूपी के टोल प्लाजा पर मथुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस दौरान तीन और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था, जिनके नाम हैं अतीक-उर-रहमान (25), मसूद अहमद (26) और आलम (26)। यूपी पुलिस ने पहले सभी चारों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में पुलिस ने राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। बाद में कोर्ट ने सात अक्टूबर को कप्पन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है।