आरयू वेब टीम। किसान आंदोलन के बीच कई राज्यों में नगर निकाय चुनाव हुए हैं। हरियाणा, राजस्थान के बाद अब पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पंजाब नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। सात नगर निकाय में से छह में कांग्रेस को जीत मिली है। यानी पूरे तौर से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी बड़ा नुकसान हुआ है।
एक्टर से नेता बने बीजेपी के सांसद सनी देओल के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी को मायूसी हाथ लगी। पार्टी गुरदासपुर क्षेत्र में खाता तक नहीं खोल सकी। पार्टी सभी 29 सीटों पर हार गई है। यहां एक तरफा कांग्रेस को जीत मिली है। देओल पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा सीट से ही सांसद हैं।
पंजाब के सात नगर निगमों में से छह में प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जीत हासिल की है, वहीं सातवें नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पार्टी ने शहरी निकाय के चुनाव में बीजेपी, अकाली दल, आम आदमी पार्टी को बुरी तरह से पराजित किया है। कांग्रेस ने बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, बटाला एवं पठानकोट में जबरदस्त जीत दर्ज की है।
बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा था, जो अब कांग्रेस के पाले में चला गया है। कांग्रेस ने करीब 53 साल बाद बठिंडा में जीत दर्ज की है। ये लगभग 53 साल बाद हुआ है, जब बठिंडा में कांग्रेस का मेयर बनेगा। इससे पहले बठिंडा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा था।
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गौरतलब है कि इस बार के नगर निकाय चुनाव किसान आंदोलन की छाया में हो रहे हैं। केंद्र द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से ही आंदोलन की शुरुआत हुई थी। यहां पर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का भी जमकर विरोध किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने 1,815 वार्डों (नगरपालिका परिषदों) में से 1,199 और 350 नगर निगम सीटों में से 281 सीटें जीत ली हैं। वहीं, शिरोमणी अकाली दल ने 289 और 33 सीटें जीत ली है। बीजेपी ने नगरपालिका परिषदों की 38 और नगर निगम की 20 सीटें जीती है। आम आदमी पार्ट ने 57 और नौ सीटों पर जीत हासिल की है।