आरयू ब्यूरो, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत के खिलौने का डंका बजाने की खिलौना उद्योग से जुड़े लोगों से जोरदार अपील करते हुए कहा कि इको फ्रेंडली खिलौना निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो लोकल फॉर वोकल होना होगा है। खिलौना उद्योग को वैश्विक हब बनाया जाएगा। भारत के खिलौना उद्योग में कितनी ताकत छिपी है। इसे बढ़ाना निर्भर भारत का हिस्सा है।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “द इंडिया टॉय फेयर-2021” की शुरुआत कर खिलौना उद्योग से जुड़े अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत देशभर के लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने खिलौना उद्योग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खिलौना बच्चों में बौद्धिक विकास करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि दुनिया में खिलौना के 100 बीलियन डॉलर के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी काफी कम है। भारत में 85 फीसदी खिलौने विदेशों से आते हैं। गत सात दशकों में भारतीय खिलौना उद्योग व कारीगरों की उपेक्षा हुई है। उन्होंने कहा कि बच्चों के मस्तिष्क विकास में खिलौने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मनोवैज्ञानिक गतिविधि तथा ज्ञान की कुशलता बढ़ाने में बच्चों की मदद करते हैं।
वाराणसी का नाम आए और हर-हर महादेव का नारा न लगे ऐसा कैसे हो सकता है
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के कश्मीरीगंज खोजवा निवासी लकड़ी के खिलौना उद्योग से जुड़े रामेश्वर सिंह से वार्ता के दौरान कि वाराणसी का नाम आए और हर-हर महादेव का नारा न लगे ऐसा कैसे हो सकता है, तभी वर्चुअली जुड़े बनारस के कारीगरों संग प्रधानमंत्री मोदी ने भी हर हर महादेव का उद्घोष किया।
बनारस के लकड़ी खिलौना कारोबार से जुड़े रामेश्वर सिंह व अन्य से वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने मास्क लगे हुए लकड़ी के खिलौने बनाए जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बच्चों की विशेषता होती है कि बच्चे और खिलौने एक दूसरे को देखते हैं। खिलौने का नकल बच्चे करते हैं। खिलौना बच्चों के जिंदगी का हिस्सा बन जाता है।
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साथ ही पीएम ने कहा कि वाराणसी में बेहतरीन हस्तकला संकुल भी है। खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार से जो भी हो सकता है वह करेगी कारोबारियों को विश्वास दिलाया। खिलौनों का इतिहास भू-भाग के बराबर है।
उन्होंने “द इंडिया टॉय फेयर-2021” की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा मंच होने जा रहा है जहां पर खिलौना का डिजाइन, मार्केटिंग, पैकेजिंग तक की चर्चा-परिचर्चा के साथ ही आपसी अनुभव साझा होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के चौमुखी विकास में भारतीय खिलौना की अहम भूमिका है। भारतीय खिलौना अन्य की अपेक्षा सस्ते होते हैं। इसके लिये उन्होंने वाराणसी के लकड़ी के खिलौने, लकड़ी के गुड़िया आदि का उदाहरण दिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह, उपायुक्त उद्योग व अन्य अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।