आरयू वेब टीम। एक तरफ तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, तो दूसरी तरफ एक बड़ी घोषणा सामने आई है। जिसमें साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। पुरस्कार वितरण तीन मई को होगा।
प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि रजनीकांत ही क्यों, कहीं इसका तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से कोई लेना देना तो नहीं? इस सवाल पर आपत्ति जताते हुए जावड़ेकर ने कहा, ‘ये फिल्मी दुनिया का सम्मान है और रजनीकांत पिछले 50 साल से फिल्मी दुनिया पर और लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं।‘ ‘सवाल तो ठीक पूछो भाई…’उन्होंने आगे कहा,’तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है।’ इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके नाम का चयन प्रसिद्ध गायिका आशा भोंसले, सुभाष घई, मोहनलाल, शंकर महादेवन और विश्नजीत चैटर्जी ने किया है। इस दौरान जावड़ेकर ने ज्यूरी को भी धन्यवाद कहा।
मीडिया से बातचीत के दौरान सूचना प्रसारण मंत्री जावडे़कर ने कहा, ‘हमें खुशी है कि देश के सभी भागों से फिल्मकार, अभिनेता, अभिनेत्री, गायक,संगीतकार सभी लोगों को समय-समय पर दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला है। आज इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड महान नायक रजनीकांत को घोषित करते हुए हमें बहुत खुशी है।’ साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि ‘रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा की दुनिया पर राज कर रहे हैं और लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार दादा साहेब फाल्के की ज्यूरी ने रजनीकांत को ये अवॉर्ड देने का फैसला किया है।‘
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘रजनीकांत ने अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से ये स्थान लोगों के दिल में बनाया है। ये उनका सही गौरव है।’ इस दौरान जावड़ेकर ने दादा साहेब फाल्के सम्मान और भारतीय सिनेमा की गौरव गाथा भी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘दादा साहब फाल्के अवॉर्ड इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योकि दादा साहब फाल्के ने पहला सिनेमा 1913 में राजा हरिशच्रंद बनाया था। तो उस राजा हरिशचंद्र सिनेमा के बाद ये पहले चित्रपट महर्षि कहलाने लगे और दादा साहब फाल्के की मृत्यु के बाद ये अवॉर्ड उनके नाम पर रखा गया और 50 बार ये सम्मान दिया जा चुका है।’
बता दें कि सुपरस्टार रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 में हुआ और उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उन्होंने अपने सिनेमा करियर की शुरुआत तमिल सिनेमा से की। साथ ही साथ वो प्रोड्यूसर और स्क्रीन राइटर भी हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण से वर्ष 2000 में और पद्म विभूषण से 2016 में सम्मानित किया जा चुका है।