आरयू वेब टीम। कोरोना वैक्सीन को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार का झगड़ा बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र के स्वास्थय मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य में वैक्सीन की भारी कमी है बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राज्य को वैक्सीन की सिर्फ साढ़े सात लाख डोज ही दी हैं। टोपे ने दावा किया कि जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों को इससे ज्यादा वैक्सीन की डोज दी गई हैं।
राजेश टोपे ने कहा, ‘’मैंने वैक्सीन के लिए केंद्रीय स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन से बात की है। इतना ही नहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी हर्षवर्धन से बात की है। महाराष्ट्र के साथ भेदभाव हो रहा है, वो भी ऐसे समय जब महाराष्ट्र में कोरोना सबसे तेजी से बढ़ रहा है और हमारे पास एक्टिव मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। हमें कम वैक्सीन क्यों दी जा रही हैं?’’
राजेश टोपे ने आगे कहा, ‘’हर्षवर्धन जी को इसपर जल्द ही विचार करना चाहिए। हम इंतजार कर रहे हैं। हम हर महीने एक करोड़ 60 लाख लोगों को और हर हफ्ते 40 लाख लोगों को वैक्सीन देना चाहते हैं। क्योंकि हम हर दिन छह लाख लोगों को वैक्सीन लगा रहे हैं।’’
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बता दें कि इससे पहले कल राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य के पास कोरोना टीके की 14 लाख खुराक ही बची हैं, जो तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं। ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है, क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है। हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है। इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे।
राजेश टोपे के दावे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि किसी भी राज्य में टीकों की कमी नहीं है। हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें पर्याप्त संख्या में लाभार्थियों को टीका लगाए बिना सभी के लिए टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने और अपनी विफलताएं छिपाने की कोशिश में लगी हुई हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।