आरयू बयूरो, लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली सराकार ने छह दिन का लॉकडाउन कर दिया है। ऐसे में दिल्ली में मौजूद बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं और बस अड्डों पर जमा की स्थिति पैदा हो गई है। जिसे लेकर कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। साथ ही सराकर पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उनके पास प्रवासी मजदूरों के लिए कोई योजना क्यों नहीं है।
प्रियंका गांधी ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा, ‘कोविड की भयावहता देखकर ये तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया। क्या यही आपकी योजना है? नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें। गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है। कृपया ये करिए।’
वहीं इससे पहले कोरोना संक्रमण की इस स्थिति को देखते हुए यूपी की कांग्रेस प्रभारी ने पत्र लिखकर योगी सरकार से अपील की है कि प्रदेश में कई जगहों से ये खबर आ रही है कि कोविड मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए सीएमओ की अनुमति की आवश्यकता पड़ा रही है। इस प्रक्रिया के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और उनके परिजन एक जगह से दूसरी जगह भागदौड़ कर रहे हैं। इस व्यवस्था के चलते कई लोगों की जान भी चली गई है। प्रियंका ने पत्र में कहा है कि इसी तरह की परिस्थिति ऑक्सीजन सिलिंडर के मामले में भी सामने आ रही है। ऑक्सीजन प्लांट्स और ऑक्सीजन फिलिंग केंद्रों पर बिना डीएम की अनुमति के किसी को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है।
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उन्होंने योगी सरकार को लेटर में लिखा है कि सरकार ने कहा है कि कोविड संक्रमित ‘सामान्य मरीज’ (नॉन-सिरियस मरीज) होम क्वॉरेंटाइन में रहें, ये कदम सरकार ने ही सुझाया है। सरकार के पास आज यह क्षमता नहीं है कि सभी कोविड मरीजों को अस्पताल में रख सके। ऐसे में जो मरीज होम क्वारेंटाइन हैं, अगर उनकी तबियत खराब होती है और उन्हें ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें ऑक्सिजन कहां से मिलेगी? अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बेड की पहले से ही कमी है। ऐसे में जो लोग घर पर रहकर कोविड का इलाज कर रहे हैं। उनके लिए आपके (योगी) प्रशासन का यह कदम बहुत घातक है।