आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है। ये विधायक ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा कर रहे थे। इस पूरे मामले पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये झूठे आरोप लगाए गए हैं। हम ओबीसी रिजर्वेशन के लिए अपने 12 विधायक कुर्बान करने को तैयार है। कहानियां बनाई जा रही हैं। भाजपा से किसी ने गाली नहीं दी।
निलंबन पर महाराष्ट्र भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि ठाकरे सरकार ‘तालिबान’ की तरह काम कर रही है। मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं न तो मैंने और न ही किसी अन्य विधायक ने भास्कर जाधव को गाली दी। भाजपा के किसी भी सदस्य ने केबिन में गाली-गलौज नहीं की। मैंने उनसे माफी भी मांगी, इसके बावजूद उन्होंने हमें सस्पेंड कर दिया। इन 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, योगेश सागर, गिरीज महाजन, हरीश पिंपले, अतुल भातरखलकर, अभिमन्यु पवार, बंटी बांगडीया और नारायण कुचे का नाम शामिल है।
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महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए जाने वाले उस प्रस्ताव को सोमवार को भ्रामक करार दिया जिसमें केंद्र से 2011 की जनगणना के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी का आंकड़ा मुहैया कराने की मांग की गई है, ताकि स्थानीय निकाय में ओबीसी के सदस्यों के लिए आरक्षण पर स्थगन लिया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल के शुरू में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजाति समेत विभिन्न समुदायों के लिये निर्धारित सीटों की संख्या कुल सीटों के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती।
महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया है और इसे ओबीसी आबादी पर व्यापक आंकड़े तैयार करने के लिए 2011 की जनगणना के सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित आंकड़ों की जरूरत होगी। इस आंकड़े की जरूरत स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को बहाल करने के लिए होगी।