आरयू वेब टीम। मानसून के पहले दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र सेशन में अपने नए मंत्रियों का परिचय कराते हुए विपक्ष पर तंज कसा है। विपक्षी सांसदों के हंगामे को लेकर मोदी ने कहा कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं, दलित और आदिवासी नेता मंत्री बने हैं। बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण परिवारों से आने वाले लोगों को भी मंत्री बनने का मौका मिला है। इस पर सभी को खुशी होनी चाहिए थी। उनका मेज थपथपाकर स्वागत करना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों को दलितों, महिलाओं और पिछड़ों का मंत्री बनना रास नहीं आता है। इसलिए वे उनका परिचय नहीं कराने दे रहे हैं।
पीएम के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी हंगामे को लेकर विपक्ष से नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह परंपरा ठीक नहीं है। इस अवसर पर मोदी ने कहा, “मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा, क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है।”
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इससे पहले उन्होंने कहा, “मैंने सदन के सभी नेताओं से आग्रह किया है कि अगर कल शाम को वो समय निकालें तो मैं महामारी के संबंध में सारी विस्तृत जानकारी उनको देना चाहता हूं। हम सदन के अंदर और सदन के बाहर भी चर्चा चाहते हैं।”
इससे पहले कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया। संसद पहुंच कर पीएम मोदी ने कहा कि धारदार सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने का मौका भी दें। संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर, महंगाई और चीन से जुड़े मामले और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी को लेकर हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा की कार्यवाही दोबारा दोपहर 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।