स्वाती के पति दयाशंकर की BJP में वापसी, जानें पूरी बात

Dayashankar singh
दयाशंकर सिंह और स्वा‍ती सिंह (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की सत्‍ता में प्रचंड बहुमत के साथ लौटी भाजपा ने आज अपने एक पुराने सिपाही की टीम में वापसी की है। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अपत्तिजनक टिप्‍पणी करने के बाद भाजपा से निकाल गए पूर्व प्रदेश उपाध्‍यक्ष दयाशंकर सिंह के लिए पार्टी के दरवाजे खोल दिए गए हैं।

बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने आज उनका निलंबन वापस ले लिया। प्रदेश अध्‍यक्ष ने इसकी जानकारी देने के साथ ही दयाशंकर से 2019 में कमल खिलाने फिर से मोदी को पीएम बनवाने में सहयोग की अपेक्षा की है। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्‍चन्‍द्र श्रीवास्‍तव ने भी इस संबंध में पार्टी का आदेश जारी कर दिया है।

गौरतलब है कि पहले दयाशंकर की मायावती और फिर नसीमुद्दीन समेत अन्‍य बसपाईयों की  दयाशंकर समेत उनके परिवार की महिलाओं पर अपत्तिजनक टिप्‍पणी कर दी थी। इसके बाद बाद राजनीत में आई स्‍वाती सिंह ने कल ही पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के भाई अनुराग यादव को 34 हजार से ज्‍यादा वोटों से हराकर सरोजनीनगर की सीट भाजपा के खाते में डाली है। चंद महीनों की राजनीत में न सिर्फ सरोजनीनगर से विधायक बनी साथ ही बीजेपी महिला मोर्चा की अध्‍यक्ष भी है।

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पिछले साल जुलाई में भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने मऊ में आयोजित एक प्रेसवार्ता में मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाने के साथ ही आपत्तिजनक टिप्‍पणी भी कर दी थी।

मामला मीडिया में उछलने के बाद दयाशंकर सिंह ने अपनी टिप्‍पणी पर माफी मांग ली थी, लेकिन हंगामा बढ़ने पर भाजपा ने उन्‍हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। इस मामले में न सिर्फ मुकदमा दर्ज हुआ, बल्कि उन्‍हें जेल भी जाना पड़ा था।

इन सबके बीच दयाशंकर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बसपा के वरिष्‍ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्‍व में हजरतगंज में प्रदर्शन भी किया गया था। प्रदर्शन के दौरान वरिष्‍ठ नेता समेत अन्‍य बसपाईयों ने पुलिस और मीडिया के सामने दयाशंकर समेत उनके घर की महिलाओं के खिलाफ अपात्तिजनक नारेबाजी की थी।

इस मामले में दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर समेत अन्‍य आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

पति की गिरफ्तारी होने के बाद बसपा नेताओं की गिरफ्तारी नहीं होने पर स्‍वाती सिंह ने राजनीत में कदम रखते हुए मायावती समेत अन्‍य लोगों के खिलाफा सीधा मोर्चा खोल दिया था। भाजपा ने भी ‘बहन, बेटी के सम्‍मान में भाजपा मैदान में’ का नारा देते हुए स्‍वाती सिंह का भरपूर साथ दिया।

हालांकि कुछ महीने पहले राजनीत में आई स्‍वाती के बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि वह अगामी विधानसभा चुनाव में सीएम के भाई के साथ ही सपा के पूर्व मंत्री और सरोजनीनगर के सीटिंग विधायक शारदा प्रताप शुक्‍ला को पछाड़ देंगी।