आदेश के महीनों बाद भी जोन दो के इंजीनियरों ने नहीं छोड़ी कुर्सी, एलडीए में जोनल सिस्‍टम शुरू होने से खुला मामला, नए अफसर ने भी बरसा दी कृपा

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन में एलडीए उपाध्‍यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा हाल में जोनल सिस्‍टम लागू करने के बाद शातिर इंजीनियरों के छिपे कारनामें भी सामने आने लगें। प्रवर्तन के दो जेई हटने के आदेश के सात से नौ महीने बीतने के बावजूद अब भी न सिर्फ जोन दो में जमे हैं, बल्कि एक जेई पर तो जोनल अफसर ने अपनी टीम में सबसे ज्‍यादा भरोसा जताते हुए कृपा भी बरसा दी है। इसका खुलासा एलडीए के प्रेस नोट से हुआ।

जारी प्रेस नोट के आधार पर जोन दो के जोनल अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर के सराफतनगर में 50 बीघा जमीन पर अवैध प्‍लॉटिंग की गयी थी, जिसे जेई हरि प्रसाद गुप्‍ता, नागेंद्र मिश्रा, इम्तियाज अहमद व विनोद शंकर सिंह ने ध्‍वस्‍त कराया है।

दावों के उलट कई साल से प्रवर्तन जोन दो में जमे जेई विनोद शंकर सिंह को सात महीना पहले (25 मार्च) प्रवर्तन के ही जोन तीन, जबकि इम्तियाज अहमद को नौ महीना पहले (19 जनवरी) जोन दो से प्रवर्तन जोन एक में चीफ इंजीनियर ने तत्‍कालीन वीसी शिवाकांत द्विवेदी के अनुमोदन पर तैनात किया था।

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नए खुलासे के बाद सवाल उठता है कि एलडीए मुखिया व इंजीनियरों के हेड यानि चीफ इंजीनियर के आदेश व मंशा के विपरीत न सिर्फ इम्तियाज अहमद व विनोद शंकर एक ही जोन में किसके संरक्षण में रूके हैं, बल्कि अब तक उनको वेतन किस आधार पर दिया जा रहा।

छवि चमकाने के लिए एलडीए ने शुरू की कार्रवाई

वहीं जोनल सिस्‍टम लागू होने के बाद एलडीए ने अपनी छवि चमकाने के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत गंभीर आरोप में घिरे रहने व एलडीए सचिव की बैठक में बटन खोलकर पहुंचने वाले जेई चमन सिंह त्‍यागी को फील्‍ड की तैनाती से हटाकर कार्यालय से संबं‍द्ध कर शनिवार को की गयी। चमन सिंह जोन दो के आठ में से अकेले तीन थाना क्षेत्र (आशियाना, पीजीआइ व मोहनलालगंज) के अवैध निर्माण लंबे समय से देख रहे थे।

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मनमानी करने वाले जेई पर एक्‍सईएन से जोनल तक फिदा

वहीं चमन त्‍यागी को फील्‍ड से हटाने के बाद डीके सिंह ने तीनों थाना क्षेत्रों की जिम्‍मेदारी जोन दो में जमे इम्तियाज अहमद को दी है। जोनल प्रभारी के इस आदेश के बाद चर्चा है कि पूर्व में तैनात अधिशासी अभियंता के बाद मनमानी करने वाले इंजीनियर पर अब जोनल अफसर भी खासे मेहरबान हैं, यही वजह है कि न सिर्फ जोन दो में मात्र एक थाना क्षेत्र के प्रवर्तन देखने वाले अवर अभियंताओं को दरकिनार कर इम्तियाज अहमद के आलमबाग व कृष्‍णानगर थाना क्षेत्र का काम पहले से देखने के बावजूद अब बड़े क्षेत्रफल वाले तीनों थाना क्षेत्रों को भी उन्‍हीं की निगरानी में दे दिया है।

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वहीं चर्चाओं के विपरित डीके सिंह का कहना है कि हाल ही में जोनल अफसर का कार्यभार उन्‍होंने संभाला है, उन्‍हें इम्तियाज अहमद की तैनाती जोन एक में होने की जानकारी नहीं है। जेई को अब पांच थानों की जिम्‍मेदारी किसी नए जेई के जोन में तैनात होने तक के लिए दी गयी है। डीके सिंह ने यह भी कहा कि जेई विनोद शंकर सिंह जोन दो में तैनात नहीं हैं, प्रेस नोट में उनका नाम गलती से चला गया होगा।

उपाध्‍यक्ष की मेहनत का दिखने लगा असर

पुरानी व्‍यवस्‍था में प्रवर्तन के दो से तीन जोन न सिर्फ एक ही एक्‍सईएन व अफसर देखते थे, बल्कि इससे भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। इसी का फायदा उठाकर न सिर्फ अवैध निर्माणों को बचाया जाता था, बल्कि तैनाती के विपरीत सालों से एक ही क्षेत्र में जमे कुछ अवर अभियंता सुनियोजित ढ़ग से अवैध निर्माण का ठेका तक ले रहे थे। कहा जा रहा है कई तरह की शिकायत पहुंचने के बाद वीसी ने एलडीए में पहली बार जोनल सिस्‍टम लागू किया और किसी अफसर व इंजीनियर को एक जोन से अधिक की जिम्‍मेदारी भी नहीं दी। यही वजह है कि मनमानी तरीके से नौकरी कर रहे इंजीनियरों की कारस्‍तनी अब सामने आने लगी है।

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वहीं अफसर व एक्‍सईएन की तैनाती व्‍यवस्थित करने के बाद अवैध निर्माण के खेल का सिंडीकेट तोड़ने के लिए लखनऊ की जनता को वीसी अक्षय त्रिपाठी से उम्‍मीद है कि सालों से एक ही जगह पर जमे जेई व प्रवर्तन के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पोस्टिंग में भी जल्‍द ही कोई बड़ा फेरबदल कर अवैध निर्माण की आड़ में होने वाले भ्रष्‍टाचार की जड़ों को मजबूत होने से रोकेंगे।

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विनोद शंकर सिंह व इम्तियाज अहमद की तैनाती में फेरबदल किया गया था। प्रवर्तन के इंजीनियरों से मेरा काम नहीं पड़ता है, यहीं वजह है कि इसकी उनके चार्ज लेने की जानकारी मुझे नहीं हो पायी है। अब जानकारी मिली है तो संबंधित जेई व अधिकारियों से पूछा जाएगा कि आखिर आदेश का पालन क्‍या नहीं किया गया। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।  इंदू शेखर सिहं, चीफ इंजीनियर एलडीए

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