LDA सचिव की चेतावनी से अवैध निर्माण के ठेकेदारों में हड़कंप, जोनल अफसरों को दिया JE-सुपरवाइजरों की कारस्‍तानी को नजरअंदाज न करने का भी सख्‍त निर्देश

अवैध निर्माण के ठेकेदार
जोनल अफसर व इंजीनियरों को निर्देश देते एलडीए सचिव।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। तेजी से हो रहे अवैध निर्माण से लंबे समय से परेशान लखनऊ की आम जनता को जल्‍द ही राहत मिल सकती है। हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन में जोनल व्‍यवस्‍था लागू होने व आज एलडीए में जोनल अफसर व प्रवर्तन के इंजीनियरों के साथ हुई सचिव की बैठक के बाद इस बात के संकेत मिलें हैं। अवैध निर्माण को संरक्षण देने या फिर रोकने की जगह खुद ही अवैध निर्माण कराने का ठेका लेने वाले प्रवर्तन में तैनात कुछ इंजीनियरों को एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने सुधरने या फिर निलंबन व बर्खास्‍तगी जैसी कड़ी कार्रवाई झेलने की चेतावनी दी है। सचिव की चेतावनी से आंखें बंदकर अवैध निर्माण को संरक्षण देने व अपने फायदे के लिए घरों में व्‍यावासायिक गतिविधियां शुरू कराने वाले अधिकारी, इंजीनियर व कर्मियों में हड़कंप की स्थिति है।

दरअसल अवैध निर्माण पर प्रभावी कार्रवाई के लिए आज एलडीए सचिव ने सातों जोनल अफसर व उनके टीम के एई व जेई की बैठक बुलाई थी। समीक्ष बैठक कब चेतावनी बैठक में बदल गयी इस बात का अंदाज जोनल अफसर व इंजीनियरों को उस समय हुआ जब सचिव ने अवैध निर्माण को बचाने के लिए इंजीनियर व कुछ जोनल अफसरों के चल रहे दांव-पेंच का जिक्र करते उन्‍हें सुधरने की चेतावनी दी।

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सचिव ने सभी जोनल अफसरों से साफ शब्‍दों में कहा कि किसी भी कीमत पर जेई व सुपरवाइजरों की कारस्‍तानियों को नजरअंदाज न करें। ऐसा करने से न सिर्फ भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा मिलता है, बल्कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की छवि भी खराब होती है।

पवन गंगवार ने यह भी कहा कि लखनऊ में अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कराने के उद्देश्य से ही एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा प्रवर्तन में जोनल व्यवस्था लागू की गई है, ताकि एक ही पटल से तेज व प्रभावी कार्रवाई की जा सके। इसको ध्यान में रखते हुए हमें ऐसे काम करना है कि जनता में अच्छा संदेश जाये और प्राधिकरण की छवि निखरे।

बैठक में बटन खोलकर ही पहुंच गया जूनियर इंजीनियर

सचिव बैठक कर रहे तभी उनकी नजर जोन दो में तैनात जेई सीएस त्‍यागी के शर्ट की खुली बटनों पर पड़ गयी। सचिव ने जेई को जमकर फटकार लगाने के साथ ही जोन दो के प्रभारी डीके सिंह से कार्रवाई करने की भी बात कही। इस दौरान सचिव ने चोरी की एक घटना को लेकर सुशांत गोल्‍फ सिटी कोतवाली में दर्ज करायी गयी एक एफआइआर का भी जिक्र किया।

पेशकार के भरोसे न छोड़े तारीख

बैठक में सचिव ने तारीखों के खेल के जरिए अवैध निर्माण को संरक्षण देने के मामलों की ओर जोनल अफसरों को ध्‍यान देने को कहा है। सचिव ने कहा कि अवैध निर्माणों से संबंधित कई वाद लंबित हैं, इनसे न्यायिक प्रक्रिया बाधित होती है। उन्होंने जोनल अफसरों को निर्देशित किया कि मुकदमों की तारीख लगाने की व्यवस्था पेशकार के भरोसे न छोड़े, बल्कि खुद ही अटके प्रकरणों की समीक्षा कर नियमानुसार कार्यवाही करें।

शमन वाले मुकदमें अभियान चलाकर करें निस्तारित, जनता को मिलेगा छुटकारा

जोनल अफसरों को निर्देश देते हुए पवन गंगवार ने बैठक में कहा कि शमन के दायरे में आने वाले मुकदमों को अभियान चलाकर निस्तारित करें। जिससे कि एलडीए के राजस्‍व में बढ़ोतरी हो। साथ ही सचिव ने यह भी कहा कि इससे जनता को विहित न्यायालय के चक्कर लगाने से भी छुटकारा मिलेगा।

अवैध निर्माण के ठेकेदारों से पंगा, मतलब कुर्सी को खतरा!

एलडीए सचिव ने आज सख्‍त नजरिया अपनाते हुए अवैध निर्माण का ठेका लेने वालों के खिलाफ भले ही जैसे मोर्चा खोल दिया है, लेकिन ऐसा माना भी जाता है अवैध निर्माण के इस खेल में महारथ हासिल करने वालों की जड़े शासन व सत्‍ता के गलियारों तक इतनी मजबूती से जमीं होती हैं कि वह कई बार ईमानदारी से काम करने वाले एलडीए वीसी व सचिव की कुर्सी तक पर खतरा बन जाती हैं। जानकार यह भी कहते हैं कि जनहित के लिए र्दुभाग्‍य की बात यह यह भी है कि अवैध निर्माण का ठेका लेने वालों के खेल में रोड़ा बनने की वजह से ही पूर्व में कई अधिकारी एलडीए से रुखस्‍त कर दिए गए, जबकि जनता व सरकार की छवि के प्रति बेपरवाह कई अफसरों इनकी ओर से आंख-कान बंद कर सालों तक एलडीए में अपनी सत्‍ता चलायी है। सूत्रों की मानें तो इसकी पुष्टि इस बात की भी जांच से हो सकती है कि किसी वीसी या सचिव ने एलडीए में भ्रष्‍टाचार के मामलों में अपने मातहतों पर कितनी कार्रवाईयां की और उनका कार्यकाल कितना लंबा या फिर छोटा रहा।

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सचिव की बैठक में जोनल अफसर अमित राठौर, राम शंकर, डीके सिंह, कमलजीत सिंह, जहीरूद्दीन व दिवाकर त्रिपाठी के अलावा सातों जोन में तैनात लगभग सभी सहायक व अवर अभियंता मौजूद रहें।

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