LDA में छलका फरियादी का दर्द, आवास की उम्‍मीद लगाए पिता ने छोड़ी दुनिया, कब्‍जा न दे मुझे भी किया जा रहा जान देने को मजबूर

जनता अदालत
आवंटियों की फरियाद सुनते एलडीए के अफसर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की जनता अदालत में गुरुवार को एक बार फिर अधिकारियों के सामने आवंटियों ने मार्मिक अपील की। आवंटन के 17 साल बाद भी बसतकुंज आश्रयहीन कॉलोनी स्थित अपने मकान पर कब्‍जा दिलाने के लिए मेंहदीगंज निवासी अमित गुप्‍ता ने आज प्रार्थना पत्र देकर कहा कि आवास पर कब्‍जा पाने के लिए एलडीए के चक्‍कर लगाने के दौरान उनके पिता रामलखन गुप्‍ता की मृत्‍यु हो चुकी है। उनकी मृत्‍यु के बाद अब उन्‍हें भी मकान पर कब्‍जा देने की जगह एलडीए द्वारा दौड़ाकर आत्‍महत्‍या के लिए मजबूर किया जा रहा है।

अमित गुप्‍ता ने बताया कि साल 2002 में उनके पिता रामलखन गुप्‍ता के नाम से एलडीए ने बसंतकुज आश्रयहीन कॉलोनी के एस-वन स्थित भवन (संख्‍या 212) आवंटित किया था। जिसपर कुछ लोगों ने अवैध कब्‍जा कर लिया है। कब्‍जा दिलवाने के लिए उनके पिता ने दर्जनों बार गुहार लगाई, लेकिन एलडीए की ओर से कार्रवाई नहीं की गयी। इस दौरान उनके पिता मकान की अकांक्षा लिए ही दुनिया से चले गए।

कोर्ट के आदेश पर भी नहीं दिया कब्‍जा

अमित के अनुसार अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही देख वह लोग कोर्ट चले गए। जहां से कुछ महीना पहले कब्‍जा देने का कोर्ट ने आदेश दे दिया, लेकिन इसके बाद भी आज तक एलडीए ने उनके मकान से अवैध कब्‍जेदारों को हटवाकर कब्‍जा नहीं दिया है। अमित के अनुसार उनका परिवार लंबा है और उन लोगों की आर्थिक स्थिति भी अब ऐसी नहीं है कि किराए के मकान में रह पाएं। इन हालात के बीच उनके मन में जान देने का ख्‍याल आता है।

प्‍लॉट आवंटन को बीते 16 साल, एलडीए के चक्‍कर लगाते-लगाते पति की हो गयी मौत

अमित गुप्‍ता की ही तरह न्‍यू मक्‍कागंज निवासी हसीना बानो ने भी आज एलडीए की जनता अदालत में गुहार लगाई। हसीना बानो ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि साल 2003 में एलडीए ने विस्‍थापित कोटे के तहत उनके पति के नाम सीतापुर रोड योजना के सेक्‍टर एफ स्थित व्‍यवसायिक भू-खण्‍ड (संख्‍या पांच) आवंटित किया था, लेकिन प्‍लॉट का पूरा पैसा जमा करने के बाद भी आज तक रजिस्‍ट्री नहीं हो सकी है। रजिस्‍ट्री के लिए एलडीए के चक्‍कर लगाते-लगाते पति मोहम्‍मद अशद की इसी साल हार्ट अटैक के चलते जान जा चुकी है। पति की मौत के बाद प्‍लॉट का नामांतरण उनके नाम से किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी रजिस्‍ट्री अब तक नहीं की गयी। वहीं पति के नहीं रहने पर अब स्‍थानीय दबंग भी उनकी जमीन पर कब्‍जा करना चाहते हैं।

वीसी से की अवैध निर्माण की शिकायत तो जेई ने दे दिया शिकायतकर्ता का नंबर

वहीं जनता अदालत में आज प्रार्थना पत्र देकर शिकायत करने वाले अनुज जैन ने आरोप लगाया कि नाका के खुर्शेदबाग में उदय शुक्‍ला गली और नाली घेरकर अवैध निर्माण करा रहें हैं। असुविधा होने पर उन्‍होंने बीती 26 अगस्‍त को प्रार्थन पत्र देकर एलडीए वीसी से शिकायत की थी। शिकायत के बाद भी अवैध निर्माण तो नहीं रूका, उल्‍टे क्षेत्रिय जेई रविंद्र श्रीवास्‍तव ने न सिर्फ इस मामले में उन्‍हें नहीं पड़ने की नसीहत दी, बल्कि प्रार्थना पत्र पर लिखा मोबाइल नंबर भी अवैध निर्माणकर्ता तक पहुंचा दिया। जिसके बाद अवैध निर्माण करने वाला उन्‍हें ही बार-बार फोन कर मिलने की बात कह रहा है।

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ये चंद मामले हैं जो एलडीए की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहें हैं। वहीं आज जनता अदालत में कुल 50 फरियादियों ने प्रार्थना पत्र देकर एलडीए के अफसरों से राहत दिलाने की उम्‍मीद जताई। हालांकि मौके पर किसी को भी राहत नहीं मिल सकी। एलडीए के उच्‍च अधिकारियों ने संबंधित अधिकरी व इंजीनियरों के पास फरियादियों को भेजते हुए उनकी समस्‍याओं को 15 दिन से एक महीने के अंदर निस्‍तारित करने का निर्देश दिया है।

जनता अदालत में एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह, सचिव एमपी सिंह, चीफ इंजीनियर इंदूशेखर सिंह, ओएसडी संदीप श्रीवास्‍तव, राजीव कुमार, डीके सिंह, अनुसचिव करन सिंह समेत अन्‍य अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी मौजूद रहें।

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