होटल अग्निकांड में सात बेगुनाहों की मौत के लिए IAS, PCS अफसर समेत LDA के 24 इंजीनियर-कर्मी मिले दोषी

होटल अग्निकांड के दोषी
आग से जलते दोनों होटल। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। पिछले साल 19 जून को चारबाग के होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में लगी भीषण आग में एक साल के मासूम समेत सात बेगुनाहों की मौतों के लिए जिम्‍मेदारों पर अब जल्‍द कार्रवाई हो सकती है। एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्‍ण की जांच रिपोर्ट के आधार पर अवैध होटलों को बचाने में आइएएस, पीसीएस अफसरों समेत एलडीए के कुल 24 अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं।

शासन की सख्‍ती व जिलाधिकारी की तेजी के बाद अब एलडीए ने दोषियों के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी करने की तैयारी गुरुवार को लगभग पूरी कर ली है। एक से दो दिन में आरोप पत्र देने के साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन व एलडीए की ओर से दोषियों पर कार्रवाई की जा सकती है।हालांकि रिपोर्ट में दोषी पाए गए 24 गुनाहगारों में से चार इंजीनियर व दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवानिवृत्‍त हो चुके है, जबकि दो इंजीनियरों की मौत भी हो चुकी है।

इन पर चलना है शासन का डंडा-

आइएएस अफसर राकेश कुमार मिश्र (तत्कालीन पीसीएस अधिकारी/न्यायिक विहित प्राधिकारी व अप्रैल 2012 में एलडीए से अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण निदेशालय के लिए ट्रांसफर) और पीसीएस अधिकारी वीरेंद्र कुमार पांडेय (तत्कालीन न्यायिक विहित प्राधिकारी व अप्रैल 2014 में एलडीए से एडीएम फर्रूखाबाद स्‍थानांतरित) के अलावा अधिशासी अभियंता डीसी यादव (जून 2014 में रिटायर), अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता मामचंद्र (दिसंबर 2011 में रिटायर), सहायक अभियंता अजीत कुमार सिंह (अक्‍टूबर 2010 में एलडीए से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ट्रांसफर), सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार (मार्च 2014 में रिटायर), अवर अभियंता गजराज यादव (जनवरी 2018 में रिटायर), अवर अभियंता पीके वर्मा (जुलाई 2008 में नगर निगम में ट्रांसफर), अवर अभियंता अनिल कुमार सिंह द्वितीय (अगस्‍त 2017 में फैजाबाद विकास प्राधिकरण में ट्रांसफर), अवर अभियंता पीएन पांडेय (अगस्‍त 2017 में इलाहाबाद विकास प्राधिकरण में ट्रांसफर), जेई अब्दुल रऊफ (जुलाई 2017 में नगर निगम कानपुर में ट्रांसफर), जेई धन्नी राम (अगस्‍त 2017 में वाराणसी विकास प्राधिकरण में ट्रांसफर), अवर अभियंता जनार्दन सिंह (अगस्‍त 2014 में झांसी विकास प्राधिकरण में ट्रांसफर), अवर अभियंता शिव शंकर सिंह (अब भी एलडीए में तैनात) और अवर अभियंता लालजी शुक्ला (दिसंबर 2016 में रिटायर)।

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एलडीए करेगा इन पर कार्रवाई-

कनिष्ठ लिपिक महेंद्र प्रताप सिंह और बालक राम, चौकीदार राम पाल (अगस्‍त 2017 में रिटायर), अनुचर शिव प्रसाद तिवारी (नवंबर 2017 में रिटायर), गैंगमैन हरिनाथ और बेलदार श्रीराम कश्यप।

इनकी हो चुकी मौत-

जूनियर इंजीनियर मोहन चंद्र सती व सतीश चंद्र।

बताते चलें कि 19 जून 2018 को नाका क्षेत्र के चारबाग दूधमंडी के पास मानकों को दरकिनार कर खतरनाक ढ़ंग से बनाए गए होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में आग लग गयी थी। इस अग्निकांड में भागने का मौका नहीं मिलने व होटलों में आग बुझाने का पर्याप्‍त इंतजाम नहीं होने के चलते साल भर के मासूम समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी थी, जबकि करीब एक दर्जन लोग झुलस गए थे। घायलों में एक व्‍यक्ति की मौत घटना वाले दिन ही शाम को, जबकि एक अन्‍य की कुछ दिन बाद इलाज के दौरान हुई थी।

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इतने बड़े हादसे के हड़कंप मचने पर सीएम के निर्देश पर एडीजी जोन राजीव कृष्‍ण ने पूरे मामले की जांच की थी। इस दौरान उन्‍होंने पाया कि अवैध रुप से होटलों के निर्माण होने के दौरान एलडीए के इंजीनियर व कर्मचारियों ने उसे बढ़ावा दिया, जबकि बाद में अवैध रुप से बनवाए गए होटलों के ध्‍वस्‍तीकरण का आदेश होने के बाद भी त्‍तकालीन अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारियों ने उसे बचाए रखा। एडीजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर एलडीए होटलों को बनने से रोकता या फिर उसके गिराने के आदेश का पालन कराता तो सात लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।

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चारबाग के अवैध होटलों में आग लगने के मामले में एडीजी की रिपोर्ट में एलडीए के 24 तत्‍कालीन अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। जिनमें से 16 दोषियों पर शासन की ओर से कार्रवाई की जानी है, जबकि छह दोषियों पर एलडीए कार्रवाई करेगा। वहीं दो इंजीनियरों की मौत हो चुकी है। दोषियों से संबंधित जानकारी जुटाने के साथ ही उनके खिलाफ आरोप पत्र बनवाए जा रहें हैं। राजीव कुमार सिंह, वित्‍त नियंत्रक व अधिष्‍ठान प्रभारी 

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