LDA की जनता अदालत में बुजुर्ग ने कहा 14 साल हो गए पैसा दिए, मेरे जीते जी प्‍लॉट दे दीजिए न साहब

जनता अदालत में फरियादियों की बात सुनते एलडीए सचिव साथ में अन्य अधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्रधिकरण की जनता अदालत में गुरुवार को एलडीए के जर्जर सिस्‍टम के सताए 64 फरियादियों ने प्रार्थना पत्र देकर अधिकारियों के सामने गुहार लगाई। अपने प्‍लॉट व आवास के कब्‍जे व  रजिस्‍ट्री समेत अवैध निर्माण व अन्‍य समस्‍याओं से त्रस्‍त फरियादियों ने एलडीए अधिकारियों का दिल पिघलाने के लिए तमाम तरह की मार्मिक अपील भी की, हालांकि इन सबके बावजूद जनता अदालत में 64 में से मात्र दो फरियादियों को ही एलडीए के अधिकारी व इंजीनियर राहत दे सके।

जनता अदालत में गुहार लगाने पहुंचे मलिहाबाद निवासी 66 वर्षीय अवधेश कुमार शुक्‍ला ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि बसंतकुज योजना के सेक्‍टर एन स्थित प्‍लॉट (संख्‍या 1/320) को उन्‍हें साल 2005 में एलडीए ने आवंटित किया था। उसी वर्ष उन्‍होंने प्‍लॉट की पूरी कीमत भी चुका दी थी, लेकिन 14 साल बीतने के बाद भी उन्‍हें एलडीए के अधिकारियों से मात्र आश्‍वासन ही मिला है। उन्‍होंने अधिकारियों से विनती करते हुए कहा कि उनके बेटों के बाद अब नाती-पोते भी किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं, ऐसी स्थित में एलडीए उन्‍हें उनकी जिंदगी में ही प्‍लॉट पर कब्‍जा दे दे। साथ ही अवधेश शुक्‍ला ने ये भी कहा कि अगर एलडीए मौके पर प्‍लॉट नहीं दे सकता है तो दूसरी योजना या बसंतकुंज के दूसरे सेक्‍टर स्थित किसी अन्‍य प्‍लॉट पर उन्‍हें कब्‍जा दे दे। हालांकि इतनी मिन्‍नतों के बाद आज भी अवधेश कुमार को आश्‍वासनों के सहारे ही एलडीए से लौटना पड़ा।

पिछले साल वृद्धा को मिला था 15 दिनों का आश्‍वासन, आज तक नहीं हुआ पूरा

वहीं काकोरी के कोठीतला निवासी बुजुर्ग महिला विमला देवी ने जनता अदालत में गुहार लगाते हुए कहा कि उन्‍हें एलडीए ने मार्च 2005 में बसंतकुंज योजना के सेक्‍टर एन स्थित प्‍लॉट (संख्‍या 1/580) आवंटित किया, लेकिन पैसा जमा करने के बावजूद आज तक उन्‍हें कब्‍जा नहीं दिया गया। विमला देवी ने कहा कि पिछले साल 16 अगस्‍त को आयोजित जनता अदालत में उन्‍होंने प्रार्थना पत्र देकर एलडीए के अधिकारियों से फरियाद की थी, जिसपर अफसरों ने 15 दिनों में उनकी समस्‍या के समाधान करने का आशवसन भी दिया था, लेकिन उसके बाद भी एक साल से ज्‍यादा का समय बीत जाने के बावजूद आज तक उन्‍हें उनके प्‍लॉट पर कब्‍जा नहीं दिया गया है। एलडीए की ऐसी कार्यप्रणाली से अब वो मायूसी हो चुकी हैं।

रजिस्‍ट्री के लिए हर हफ्ते बुलाता है बाबू, लेकिन देता है लौटा

वहीं टिकैतराय कॉलोनी निवासी श्रीमोहन ने जनता अदालत में प्रा‍र्थना पत्र देकर कहा कि बसंतकुंज आश्रयहीन कॉलोनी में उसे आवास आवंटित किया गया था, जिसका पूरा पैसा भी वो एलडीए में जमा कर चुका है, इसके बाद भी आज तक उसकी रजिस्‍ट्री एलडीए ने नहीं की है। श्रीमोहन ने योजना से संबंधित बाबू पर आरोप लगाते हुए कहा करीब छह महीने से बाबू हर हफ्ते उन्‍हें रजिस्‍ट्री के नाम पर एलडीए बुलाता है, लेकिन फिर किसी न किसी बहाने से लौटा देता है। अधिकारियों के सामने गुहार लगाते हुए श्रीमोहन ने कहा कि उनकी माली हालत अब ऐसी भी नहीं है कि वो बार-बार किराया खर्च कर एलडीए के चक्‍कर लगा सकें।

हाई कोर्ट के आदेश पर भी एलडीए ने नहीं दिया प्‍लॉट

जनता अदालत में पहुंचें विजय खंड निवासी मुनिराज सिंह ने कहा कि साल 2004 में उन्‍हें गोमतीनगर विस्‍तार के सेक्‍टर चार स्थित प्‍लॉट (संख्‍या 4/234) को आवंटित एलडीए ने किया था, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी उन्‍हें कब्‍जा नहीं मिल सका। जिसके बाद उन्‍होंने कोर्ट जाना पड़ा। 11 दिसंबर 2016 को हाई कोर्ट ने एलडीए को प्‍लॉट देने का आदेश भी दे दिया, लेकिन इसके बाद भी आज तक उन्‍हें प्‍लॉट पर कब्‍जा नहीं दिया जा सका। एलडीए के अधिकारियों के सामने गुहार लगाते हुए मुनिराज सिंह ने कहा कि एलडीए सेक्‍टर चार में उन्‍हें किसी वजह से प्‍लॉट नहीं दे पा रहा है तो कही और प्‍लॉट आवंटित कर दे, जिससे कि वो लंबे समय से झेल रहे इस कष्‍ट से बाहर निकल सकें। हालांकि दूसरे आवंटियों की तरह मुनिराज सिंह को भी आश्‍वासन के सहारे ही जनता अदालत से लौटना पड़ा।

अवैध होटल के चलते लगता है जाम, यात्री भी असुरक्षित

वहीं आलमबाग निवासी शहंशाह खान ने जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अवैध निर्माण के प्रति एलडीए की नरमी उजागर की। शहंशाह ने कहा कि आलमबाग बस स्‍टैण्‍ड के सामने न्‍यू कुमार के नाम से अवैध रूप से होटल संचालित किया जा रहा है। जिसमें पार्किंग की व्‍यवस्‍था नहीं होने के चलते कानपुर रोड पर अकसर जाम लग जाता है। साथ ही बिना नक्‍शा पास कराए बने इस होटल में ठहरने वाले यात्रियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में यात्री भी यहां असुरक्षित रहते हैं, एलडीए इस अवैध होटल पर ध्‍वस्‍तीकरण की कार्रवाई करे।

15 साल बीते, नहीं मिला मकान

वहीं आरती नगर गढ़ी कनौरा निवासी रामविलास यादव ने जनता अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि फरवरी 2004 में उन्‍हें जानकीपुरम के सेक्‍टर जे में एलडीए ने मकान आवंटित किया था। रामविलास ने कहा आवं‍टन के बाद 15 साल बीत जाने के बाद भी आज तक एलडीए उन्‍हें उनका मकान नहीं दे सका है, जबकि वो अधिकारियों के सामने अनगिनत बार मिन्‍नतें कर चुकें हैं।

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जनता अदालत में एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह, सचिव एमपी सिंह, अपर सचिव अनिल भट्नागर, चीफ इंजीनियर इंदू शेखर सिंह, ओएसडी राजीव कुमार, संदीप श्रीवास्‍तव, संयुक्‍त सचिव डीएम कटियार के अलावा अन्‍य अधिकारी, इंजीनियर व कर्मचारी मौजूद रहें।


आवंटियों की समस्‍याओं पर एलडीए लगातार काम कर रहा है, यही वजह है कि जनता अदालत में आने वाले फरियादियों की संख्‍या में पहले की अपेक्षा कमी हुई है। जल्‍द ही अन्‍य आवंटियों की समस्‍याओं का भी निस्‍तारण किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों व इंजीनियरों को जरूरी निर्देश दिए जा रहें हैं।  एमपी सिंह, एलडीए सचिव

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