आरयू ब्यूरो,लखनऊ/बलरामपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूपी के बलरामपुर में सरयू नहर प्रॉजेक्ट का उद्घाटन कर पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि यह परियोजना 50 सालों में पूरी हुई। जिस समय इस परियोजना की शुरुआत हुई थी उस समय महज सौ करोड़ रुपए में पूरी हो जाती, लेकिन देरी की वजह से लागत बढ़ती गई और अब इस पर दस हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। वहीं पीएम मोदी ने श्रेय लेने की कोशिश करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुटकी ली और कहा कि हो सकता है कि बचपन में उन्होंने ही फीता काटा हो। साथ ही अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा उनका काम फीता काटना, हमारा काम परियोजना को पूरा करवाना।
पीएम मोदी ने कहा, ”सार्वजनिक जीवन में मुझे लंबे समय से काम करने का सौभाग्य मिला है। मैंने पहले की कई सरकारें और उनका कामकाज देखा है। इस लंबे कालखंड में मुझे जो सबसे अधिक अखरा और जिससे सबसे अधिक पीड़ा हुई, वह है देश के धन, समय और संसाधन का दुरुपयोग, अपमान। सरकारी पैसे हैं तो मुझे क्या, मेरा क्या। यह तो सरकारी है। यह सोच देश के संतुलित और संपूर्ण विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई है। इसी सोच ने सरयू नहर प्रॉजेक्ट को लटकाया भी, भटकाया भी। आज से करीब 50 साल पहले इस पर काम शुरू हुआ था। आज इसका काम पूरा हुआ है।”
वह आपके गुनहगार हैं कि नहीं?
पीएम ने परियोजना में देरी से लागत बढ़ने का उदाहरण देते हुए कहा, ”देश के नागरिक, हिन्दुस्तान का हर नागरिक और नौजवान समझे, जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत सौ करोड़ रुपए से भी कम थी और आज यह लगभग दस हजार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई है। यह पैसा किसका था? यह धन किसका था? आपका था कि नहीं? इसके मालिक आप थे कि नहीं? आपकी मेहनत का एक-एक रुपया सही से इस्तेमाल होना चाहिए था कि नहीं? जिन्होंने नहीं किया वह आपके गुनहगार हैं कि नहीं? इसे सजा देंगे?”
कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटने की है
वहीं अखिलेश यादव का नाम लिए बिना तंज कसते हुए मोदी ने कहा, ”जब मैं आज दिल्ली से चला तो सुबह से मैं इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा और कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था। यह योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिन्हें आदत है ऐसा कहने की, हो सकता है बचपन में इसका भी फीता उन्होंने ही काटा हो। कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटने की है, हमारी प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करने की है।
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2014 में जब मैं सरकार में आया तो यह देखकर हैरान था कि देश में सिंचाई की 99 बड़ी परियोजनाएं देश के अलग अलग कोनों में दशकों से अधूरी पड़ी हैं। सरयू नहर योजना में जितना काम पांच दशक में हो पाया था उससे ज्यादा काम करने पांच साल में करके दिखाया। यही तो डबल इंजन सरकार है। यही तो डबल इंजन सरकार की रफ्तार है।”
इस दौरान प्रधानमंत्री ने सीडीएस बिपिन रावत को याद कर कहा भारत दुख में है, लेकिन दर्द सहते हुए भी हम न अपनी गति रोकते हैं न ही हमारी प्रगति। भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं। हम भारतीय मिलकर और मेहनत करेंगे, देश के भीतर और बाहर बैठी हर चुनौती का मुकाबला करेंगे। यूपी के सपूत देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान लगाए हुए हैं। मैं मां पाटेश्वरी जी से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें शीघ्र स्वस्थ करें।
प्यासे को प्याला भर पानी पिला दें
साथ ही मोदी ने कहा कि हर किसान के खेत तक पानी पहुंचे यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उसका सबूत है सरयू नहर परियोजना का पूरा होना है। जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है। इतिहास गवाह है कि अगर किसी प्यासे को प्याला भर पानी पिला दें तो वो इंसान जीवन भर उस इंसान को नहीं भूलता है। आज किसानों के प्यासे खेत जब पानी प्राप्त करेंगे तो हमें भरोसा है कि जीवन भर आपका आशीर्वाद हमें काम करने की प्रेरणा देंगा।
अगर कोई व्यक्ति मृत्यु शैया पर पड़ा हो और डॉक्टर उसे ब्लड लाकर चढ़ा देता है तो उसे जीवन मिल जाता है। ऐसे ही आज लाखों किसानों को एक नया जीवन मिलने वाला है। मुझे सबसे ज्यादा पीड़ा तब होती थी, जब देश के संसाधन और धन का दुरुपयोग हो रहा था। ये सोच देश के विकास के लिए सबसे बड़ी रुकावट बनी थी। आज से करीब 50 साल पहले इस नहर परियोजना पर काम शुरू हुआ था। आप सोचिए आज ये परियोजना पूरी हो सकी है।