आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नई दिल्ली से चलकर लखनऊ पहुंची गोमती एक्सप्रेस में रविवार को 303 बोर रायफल के कारतूस मिले। जानकारी पर आरपीएफ और जीआरपी की टीम पहुंची और जांच में जुट गई। साथ ही इसकी भी तलाश कर रही है कि ट्रेन में इसे कौन लेकर आया।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली से रात दस बजे लखनऊ चारबाग स्टेशन पहुंची 12420 गोमती एक्सप्रेस को सफाई के लिए यार्ड में खड़ा किया गया था। सफाई से पहले आरपीएफ का दस्ता ट्रेन की चेकिंग कर रहा था। इसी दौरान एक कोच की सीट पर वन्डूलिया (कारतूस रखने वाला कपड़े का कवर) मिला। आरपीएफ के जवानों ने जब इसे कब्जे में लेकर खोला तो 303 बोर के 20 कारतूस मिले।
वंडुलिया में कारतूस बरामद 303 बोर का कारतूस देख आरपीएफ को लगा कि ड्यूटी पर जा रहे किसी पुलिस वाले का ट्रेन में छूट गया है। इस आशंका पर आरपीएफ के जवान कारतूस का बंडल चारबाग जीआरपी थाने में जमा कराने पहुंचे तो पता चला कि 303 रायफल दो साल पहले ही यूपी पुलिस के बेड़े से बाहर हो चुकी है। प्रतिबंधित बोर के कारतूस लेकर सफर करने वाले कि तलाश की जा रही है।
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दरअसल, 303 रायफल को यूपी पुलिस ने 2019 में ही अलविदा कह दिया था। इसकी जगह पुलिस को एसएलआर, इंसास और एके47 मुहैया कराई गई थी। इस सरकारी बोर की सिविल सप्लाई पहले से ही प्रतिबंधित है। ऐसे में सवाल उठता है कि 303 के कारतूस लेकर ट्रेन में सफर कौन कर रहा था। उसे यह कारतूस कहां से मिला। जीआरपी इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा का कहना है कि कारतूस किसके हैं इसका पता लगाया जा रहा है