आरयू ब्यूरो,लखनऊ। राजनीतिक दलों में आपराधिक और दागी छवि के उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये दागी उम्मीदवार न केवल बड़ी संख्या में चुनाव जीत रहे हैं, बल्कि दूसरे प्रत्याशियों की जीत-हार पर भी असर डालते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में भी अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की तादाद 185, यानी कुल 685 उम्मीदवारों का 27 फीसद है। इनमें 21 फीसदी यानी 141 उम्मीदवार हत्या, हत्या का प्रयास और रेप या महिलाओं के प्रति गंभीर अपराधों के मुजरिम हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच के साझा अध्ययन में ये तथ्य सामने आए हैं कि पांचवें चरण में समाजवादी पार्टी कुल 42 दागी (71 फीसदी) उम्मीदवारों के साथ अव्वल नंबर पर है। अपना दल सोनेलाल के सात में से चार उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। भाजपा के 52 में से 25 उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। बीएसपी और कांग्रेस दोनों के 61 में से 23 -23 उम्मीदवार दागी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के 52 में से 10 उम्मीदवारों का अपराधिक रिकॉर्ड उनके हलफनामे में दर्ज है।
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चौथे चरण में सबसे ज्यादा सपा उम्मीदवार दागी इससे पहले चौथे चरण के उम्मीदवारों पर इलेक्शन वॉच और एडीआर की जारी रिपोर्ट में पता चला है कि तीन चरणों की अपेक्षा चौथे चरण में सर्वाधिक आपराधिक छवि के उम्मीदवारों की भरमार है। साथ ही 60 प्रतिशत उम्मीदवार ग्रेजुएट और उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। इस फेस में 59 में से 29 (49 प्रतिशत) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चौथे चरण में सपा उम्मीदवार पर सबसे ज्यादा मुकदमे पाए गए हैं।