आरयू ब्यूरो
लखनऊ। 14 साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को आए न्यायलय के आदेश पर आज परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मंत्री ने शनिवार को मॉल एवेन्यु स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि वह किसी वारंट, जेल, मुकदमे ओर कुर्की की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं।
‘राजनीतिक रंजिश के चलते कराया जा रहा सब’
श्री मेहरोत्रा ने न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक रंजिश के चलते कराया जा रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया। कोर्ट की आवमानना के सवाल पर रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि उन्हें 2002 के मामले में कभी सम्मन तक नही मिला।
‘2007 से 2012 के बीच 18 बार गया जेल’
आगे बताया कि 2007 से 2012 के बीच कम से कम 18 बार जेल गया। अगर ऐसा कोई वारंट था तो पेश क्यों नहीं किया गया। घटना तो उससे भी पहले की है, अब हमे जबरदस्ती फरार दिखाया जा रहा है। इसमें मेरा नहीं बल्कि आंख पर पट्टी बांधने वाले का दोष है। अगर कोई सोच रहा है की दमन और अन्याय करके उनकी आवाज दबा सकता है तो यह संभव नहीं है।
‘बसपा के इशारे पर दर्ज हुआ था मुकदमा’
रविदास मेहरोत्रा ने मीडिया को बताया कि 14 साल पहले नगर निगम की टीम अल्पसंख्यकों की एक बस्ती तोड़ने जा रही थी। जनता की मांग पर उन्होंने हजारों लोगों के साथ कुकरैल बंधे के पास इसका विरोध किया था। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बसपा के इशारे पर बुल्डोजर चलने वालें थे, मेरे विरोध के बाद बस्ती बच गई थी। बाद में बसपा के ही इशारे पर मेरे खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।