आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कैराना-नूरपुर उपचुनाव में प्रत्याशियों की जीत पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये उन लोगों की हार जो लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि कैराना और नूरपुर की जीत चौधरी चरण सिंह की विरासत की जीत है।
लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय पर प्रेसवार्ता में सपा मुखिया ने कहा, ‘मैं सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमें वोट दिया। साथ ही गठबंधन की जीत पर सभी दलों का आभार व धन्यवाद व्यक्त करते हुए अखिलेश बोले इस जीत ने आने वाली राजनीति का एक संकेत दिया है। साथ ही देश को बांटने वाले लोगों की हार हुई है। वहीं यह परिणाम देश व समाज को बांटने वाली राजनीति करने वालो के लिए जवाब है।
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गठबंधन की राजनीति पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि “जो खेल वो हमारे साथ खेलते थे। वही खेल हमने उनसे सीखा हैं। सपा ने बीजेपी से ही गठबंधन राजनीति सीखी है। बसपा, आरएलडी, आम आदमी पार्टी सहित सभी सहयोगी पार्टियों का अखिलेश ने शुक्रिया अदा किया।
गन्ना किसानों ने सिखा दिया सबक
वहीं किसानों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ किया गया। पर हुआ क्या? बल्कि किसानों की जान चली गई। यह बड़ा मुद्दा है। सरकार गन्ना किसानों के भुगतान के आंकड़े गलत दे रही थी, जिस पर गन्ना किसानों ने नाराजगी जताकर सरकार को सबक सिखा दिया।
वहीं गन्ना किसानों के सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सपा राष्ट्रीय स्तर पर अन्य दलों के प्रयास में गठबंधन का सहयोग करेगी। अखिलेश ने कहा, “यह जीत किसानों, गरीबों व पिछड़ों की जीत है। ये सामाजिक सदभाव व सामाजिक न्याय और चौधरी चरण सिंह की नीतियों की जीत है।
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सपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि भाजपा की नीति दूसरी थी, लेकिन जनता ने सही जवाब दिया। इस दौरान अखिलेश ने जयंत चौधरी व उनके पिता व पार्टी के नेताओ को धन्यवाद देने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सपा की ईवीएम को लेकर जो राय पहले थी वही आज भी है। वहीं इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भी भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बांटने वालों की राजनीति का खात्मा हुआ।
कैराना और नूरपुर की जनता, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों व सभी एकजुट दलों को जीत की हार्दिक बधाई! कैराना में सत्ताधारियों की हार उनकी अपनी ही प्रयोगशाला में, देश को बाँटने वाली उनकी राजनीति की हार है. ये एकता-अमन में विश्वास करने वाली जनता की जीत व अहंकारी सत्ता के अंत की शुरूआत है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 31, 2018