आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना काल में लंबे समय से तंगहाली की मार झेल रहे गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आम आदमी पार्टी ने आवाज उठाई है। आप ने योगी सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन में लोगों का काम-धंधा छूट गया है। लोग बेरोजगार होकर घर पर कैद हैं। लोगों के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार अविलंब गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करें। साथ ही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाते हुए आधी फीस लेने के लिए सरकार उन्हें अधिकृत करें, जिससे कि परेशान हाल आम जनता को कुछ राहत मिल सके।
आप के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने गुरुवार को मीडिया से कहा है कि कोरोना की काली छाया के कारण पूरा प्रदेश कराह रहा है। लोगों की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके पास अपनों का शव दाह करने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही। नदियों के किनारे बड़ी संख्या में दफनाए गए शव इसका प्रमाण हैं। लॉकडाउन की वजह से पटरी दुकानदार, छोटे व्यापारी, मजदूर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इन पर परिवार पालने का संकट है।
वैभव माहेशरी ने कहा कि मध्यम वर्ग महंगाई, निजी अस्पतालों की लूट, बिजली बिल, स्कूल फीस एवं व्यापार मंदी जैसी की समस्याओं से जूझ रहा है। इसलिए योगी जी अविलंब इन सब के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करें।
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वहीं आज डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की ओर से इस सेशन में स्कूलों में फीस वृद्धि न करने के आदेश पर आप प्रवक्ता ने सवाल उठाते हुए ट्वीट कर कहा है कि, कृपया दिनेश शर्मा विस्तृत आदेश जारी करें, जिसमे कंपोजिट फीस के नाम पर जो पूरी राशि वसूल ली जाती है, उसे रोका जाए। पिछले साल की ब्रेकअप सहित फीस स्ट्रक्चर को आधार बना कर स्कूलों को सभी अतिरिक्त खर्चे वसूलने से रोका जाए। जिन अभिभावकों ने मजबूरी में ये दे दिया है, उनको पैसा वापस दिलाया जाए।
स्कूलों की फीस को लेकर किए दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा बिजली, एसी, स्विमिंग पूल, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, स्पोर्ट्स, डेवलपमेन्ट जैसे तमाम मदों में पैसा वसूला जाता है, जो लगभग ट्यूशन फीस जितना ही होता है। बेस्ट समाधान ये है कि 2020 के कोरोना काल को मिला कर स्कूल तय फीस की आधी ही वसूलने को अधिकृत हों, पहले से वसूला पैसा वापस किया जाए।
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साथ ही वैभव ने सरकार की मंशा पर संदेह जताते हुए यह भी कहा है कि इसकी उम्मीद कम है कि योगी सरकार इस मामले कोई सख्त आदेश जारी कर पायेगी, लेकिन स्कूलों की मनमानी से परेशान जनता अगर आम आदमी पार्टी को मौका देती है, तो तत्काल प्रभाव से इसको अमल में लाया जाएगा।
वहीं किसानों के हित की बात करते हुए वैभव ने मोदी सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाये जाने के फैसले को छलावा बताते हुए कहा, की एक तरफ से खाद के दाम बढ़ाना, दूसरी तरफ सब्सिडी बढ़ाने का ड्रामा करना.. इस छलावे से सिर्फ खाद बनाने वाली कम्पनियों को ही सब्सिडी का लाभ जाएगा, किसान तो वैसे ही मांगी खाद पुराने दाम पर ही पाएंगे।
आप प्रवक्ता ने किसानों को मुफ्त खाद मुहैया कराने की मांग उठाई। कहा कि प्रदेश में किसान पहले ही बेहद परेशान हैं, सरकार अपने किसानों को खाद पूरी तरह मुफ्त क्यों नहीं दे सकती। इससे किसानों के खेती की लागत कम हो जाएगी और उन्हें मुनाफा होने से कृषि से जुड़े वर्ग को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर यह असंभव लग रहा हो तो हमारी सरकार बनने का इंतजार करिये, हम अपने किसानों के लिए ऐसा संभव कर के दिखा देंगे।