आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी की सूरत बिगाड़ने व लखनऊ विकास प्राधिकरण की सबसे ज्यादा बदनामी कराने वाली अवैध निर्माण की समस्या के समाधान के लिए एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने प्रवर्तन अनुभाग की कार्यप्रणाली में आज बड़ा फेरबदल कर दिया है। प्रवर्तन में अफसर, इंजीनियर व कर्मचारियों की फौज तैनात होने के बाद भी सड़कों पर खुले आम तन रहें अवैध निर्माण होने के मामले सामने आने के बाद वीसी ने अवैध निर्माण पर रोक लगाने के साथ ठेका लेकर इसको संरक्षण देने वाले प्रवर्तन के अधिकारी, अभियंता व कर्मियों पर शिकंजा कसने के लिए एलडीए सचिव व सचिव समेत सात नए अफसरों को एक-एक जोन की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रवर्तन की जगह इंजीनियरिंग की टीम के सात वरिष्ठ अधिकारी प्रवर्तन के सातों जोन में सर्वे कर अवैध निर्माण व उसपर रोक लगाने के लिए तैनात प्रवर्तन के अफसर-इंजीनियरों की कार्यप्रणाली परख जिम्मेदारी तय करेंगे। यह अधिकारी अपनी टीम के साथ 22 दिसंबर से दस दिवसीय अभियान भी चलाएंगे। आज प्रवर्तन की समीक्षा बैठक में एलडीए वीसी ने इस बारे में आदेश जारी किया है।
इन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक सिफ प्रवर्तन अनुभाग ही अवैध निर्माण चिन्हित कर कार्यवाही करता रहा है, लेकिन इसके बाद भी शहर में कई जगह अवैध निर्माण होने की शिकायतें मिलती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गयी है। इसके अंतर्गत एलडीए सचिव, अपर सचिव, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, वित्त नियंत्रक के साथ-साथ प्रोजेक्ट इम्पलीमेन्टेशन यूनिट (पीआईयू) में शामिल दो सदस्यों को भी एक-एक जोन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यह सात वरिष्ठ अधिकारी जोन के एक्सईएन व उनकी टीम के साथ 22 दिसंबर से संबंधित जोन का सर्वे कर चल रहे अवैध निर्माणों को चिन्हित कर माइक्रो प्लान तैयार करेंगे।
अवैध निर्माण पर कार्यवाही की भी थी या नहीं
इसके बाद सातों टीम अपने-अपने जोन की रिपोर्ट देगी, जिसमें देखा जाएगा कि प्रवर्तन में तैनात इंजीनियरों द्वारा सर्वे में चिन्हित किये गये इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई कार्यवाही की भी थी या नहीं। अगर प्रवर्तन अनुभाग द्वारा इन अवैध निर्माणों पर पूर्व में कार्यवाही नहीं की थी तो उनसे जवाब तलब करते हुए उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
एक महीने का काम नहीं बता सके अफसर-इंजीनियर
वहीं आज बैठक में उपाध्यक्ष ने उन अधिकारी व इंजीनियरों को भी फटकार लगाई, जिन्हें बड़े अवैध निर्माण, रो हाउस व प्लॉटिंग की जगह छोटे अवैध निर्माण आसानी से दिख जाते हैं। वीसी ने अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाने के साथ ही जोनल अधिकारियों, एई व जेई से पिछले एक महीने में किये गये स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट मांगी। इसमें संतोषजनक कार्य नहीं मिलने पर उपाध्यक्ष ने सभी को हिदायत देते हुए कहा कि सभी अवर अभियंता, सहायक अभियंता व जोनल अधिकारी उन्हें दिये गये लक्ष्य के मुताबिक अवैध निर्माण का स्थल निरीक्षण कर नियमित रूप से उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
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सुपरवाइजर हर दिन करेंगे सात स्थलों का निरीक्षण
इस क्रम में उपाध्यक्ष ने बैठक में उपस्थित सुपरवाइजरों के भी कार्यों की समीक्षा की। उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि सभी सुपरवाइजर प्रत्येक दिन अपने क्षेत्र में कम से कम सात स्थलों का निरीक्षण करेंगे, जिसकी उसी दिन रिपोर्ट भी देनी होगी।
लालबाग कार्यालय में शिफ्ट होगा पूरा प्रवर्तन अनुभाग
बैठक के दौरान अवैध निर्माण पर कार्यवाही कागजों में उलझने की बात सामने आने उपाध्यक्ष ने फैसला लिया कि अब पूरा प्रवर्तन अनुभाग प्राधिकरण के लालबाग स्थित कार्यालय में शिफ्ट होगा। इसके लिए वहां प्रत्येक जोन के सात कमरे आवंटित किये जाएंगे, जिनमें संबंधित जोन के जेई-एई के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटर बैठेंगे और सुपरवाइजर भी वहीं रिपोर्ट करेंगे। प्रवर्तन में तैनात सभी अभियंताओं व कर्मचारियों की हाजिरी भी वहीं लगेगी।
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एलडीए वीसी ने कहा कि विहित प्राधिकारी की कोर्ट लालबाग कार्यालय में ही लगती है। प्रवर्तन अनुभाग के पूरी तरह वहां शिफ्ट हो जाने से अवैध निर्माण की नोटिस निर्गत करने व अन्य कामों में तेजी आएगी।
बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, जोनल अधिकारी अरूण कुमार सिंह, डीके सिंह, राजीव कुमार, श्रद्धा चौधरी, देवांश त्रिवेदी व नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहें।