आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के ईमानदार अफसरों के लिए चुनौती बनीं अवैध निर्माण की समस्या से निपटने के लिए अब प्राधिकरण ने फिर से अवैध निर्माणों की कम्पाउन्डिंग करना शुरू कर दिया है। इस फैसले से जहां बिना नक्शा पास कराए या फिर नक्शे के विपरीत अवैध निर्माण कराने वालों को काफी हद तक राहत मिलेगी। वहीं एलडीए के खजाने में भी धनवर्षा की संभावना है, हालांकि खासकर आवासीय प्लॉट पर घर बनाकर रहने वाली आम जनता की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
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एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि लखनऊ विकास क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे निर्माण हैं, जिनका नक्शा पास नहीं है। प्राधिकरण ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ वाद योजित कर प्रवर्तन की कार्यवाही कराता है। जनसुनवाई के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें लोगों ने सही जानकारी के आभाव में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये निर्माण कार्य करा लिया या फिर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अतिरिक्त निर्माण करा लिया। लेकिन, अब वह लोग नियमानुसार कार्यवाही कराते हुए शमन मानचित्र स्वीकृत कराकर अपने निर्माण को नियमित कराना चाहते हैं।
शासन के आदेश पर बंद हुई थींं कम्पाउन्डिंग
पूर्व में एलडीए यूपी नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 32 के अंतर्गत प्रभावी शमन उपविधि 2009 के तहत ऐसे प्रकरणों में शमन शुल्क जमाकर शमन मानचित्र मंजूर किया जाता था। वहीं बीती 28 मार्च को शासन की तरफ से जारी आदेश के क्रम में कम्पाउन्डिंग पर रोक लगा दी गयी थी।
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उपाध्यक्ष के अनुसार शमन मानचित्र स्वीकृत नहीं होने के चलते इससे आम नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। लोगों द्वारा लगातार यह मांग की जा रही थी कि शमन मानचित्र की कार्यवाही फिर शुरू करा दी जाए। इसको देखते हुए शमन मानचित्र के संबंध में आदेश जारी कर किया गया है।
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इसके तहत उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 32 के अंतर्गत शमन उपविधि 2009 को प्रभावी कर दिया गया है। लोग इसका लाभ उठाकर कम्पाउन्डिंग के लिए आवेदन कर सकेंगे और नियमानुसार औपचारिकताएं पूरी कराकर कम्पाउन्डिंग मैप पास करा सकेंगे।
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वहीं मुख्य नगर नियोजक केके गौतम ने बताया कि उपाध्यक्ष के आदेश के क्रम में शमन मानचित्र की कार्यवाही फिर से शुरू करा दी गयी है। इससे एक तरफ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी तो दूसरी ओर प्राधिकरण की इनकम भी होगी।