आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सभी मानक पूरे करने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी के चलते मौलिक नियुक्ति से वंचित प्रशिक्षु शिक्षकों ने आज राजधानी में मार्च निकालकर प्रदर्शन करने के साथ ही नियुक्ति की मांग की।
प्रदेश के विभिन्न शहरों से राजधानी पहुंचे करीब ढाई सौ प्रशिक्षु शिक्षक आज अपनी मांगों को लेकर सबसे पहले निशातगंज स्थित निदेशक बेसिक शिक्षा कार्यालय पहुंचे। जहां निदेशक के मौजूद नहीं होने के चलते प्रशिक्षु शिक्षकों ने अपर निदेशक बेसिक शिक्षा रूबी सिंह को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की मांग की।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर करीब ढाई सौ प्रशिक्षु शिक्षकों ने पैदल मार्च निकालकर हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे एसीएम प्रथम ने प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लेते हुए उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने के साथ ही समय मिलने पर प्रशिक्षु शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को भी सीएम से मिलाने का आश्वासन दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लिए वर्ष 2016 में 803 प्रशिक्षु शिक्षक रिक्त सहायक अध्यापक के पदों पर चयन प्राप्त करते हुए छह माहिने का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। इसके साथ ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा आयोजित प्रशिक्षु शिक्षक लिखित परीक्षा भी पास कर चुके हैं। जिसका उन लोगों के पास प्रमाण पत्र भी मौजूद हैं।
क्या कहते हैं नियम
प्रशिक्षु शिक्षकों ने बताया कि नियमो के अनुसार प्रमाणपत्र मिलने के अधिकतम एक महीने के अंदर हम लोगों को सहायक अध्यापक के रूप में मौलिक नियुक्ति मिल जानी चाहिए थी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है। जबकि उन लोगों को पिछले साल अगस्त में ही प्रमाण पत्र मिल गया था। इस हिसाब से सितंबर में नियुक्ति मिलनी चाहिए थी।
सिस्टम ने मजबूर किया तो करेंगें आमरण अनशन
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हम लोगों के सामने भी परिवार पालने की समस्या है। उसके बाद भी कही सुनवाई नहीं हो रही है। इससे पहले वह लोग इलाहाबाद में भी प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सबकुछ सही होने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी के चलते वहां से न्याय नहीं मिला। अब इन हालात में अगर सूबे की राजधानी में भी आकर उन लोगों को न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सार जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। प्रदर्शन करने वालों में संदीप पाण्डेय, अजय कुशवाहा, आशीष पाण्डेय, रूचि श्रीवास्तव, निधि समेंत सैंकड़ों प्रशिक्षु शिक्षक मौजूद रहें।
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