आरयू ब्यूरो,
इलाहाबाद। प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से इलाहाबाद में जुटे सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही। आठ दिन पहले बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में तैनती की मांग को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या से मिले आश्वासन के बाद भी प्रशिक्षु शिक्षकों को अब तक तैनाती नहीं मिलने पर पांच प्रशिक्षु शिक्षकों का आमरण अनशन आज तीसरे दिन भी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने जारी रहा। वहीं आमरण अनशन के समर्थन में बैठे प्रदेश भर से आए सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों में शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है।
मिले केशव मौर्या से, लेकिन नहीं मिली राहत
समिति के अध्यक्ष संदीप पाण्डेय ने बताया कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के इलाहाबाद दौरे के दौरान हम लोगों ने 28 सितंबर को उनसे मिलकर अपनी समस्या बताई थी। डिप्टी सीएम ने हम लोगों के साथ अन्याय नहीं होने की बात कहते हुए आश्वासन दिया था, लेकिन सारे मानक पूरे करने के बाद भी हम लोगों को तैनाती के लिए आज तक संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि आमरण अनशन के चलते अश्वनि कुमार समेत दूसरे साथियों की हालत बिगड़ती जा रही है।
धरने के बाद आमरण अनशन की मजबूरी
बताते चलें कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से इलाहाबाद पहुंचे सैकड़ों महिलाओं समेत प्रशिक्षु शिक्षकों ने सहायक अध्यापक के पद तैनाती की मांग को लेकर मौलिक नियुक्ति संघर्ष समिति के तत्वधान में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने 19 सितंबर से धरना देना शुरू किया है। इस दौरान बड़ी संख्या में प्रशिक्षु शिक्षकों ने कैंडिल मार्च भी निकाल। लेकिन इन सबके बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटने पर प्रदर्शनकारियों में से राम सजीवन विश्वकर्मा, भोजराज सिंह, चन्द्र सेन, नाहर सिंह व अश्वनी कुमार ने चार अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
निदेशाल तो कभी सचिवालय का हवाला देकर लगावाए गए राजधानी के चक्कर
आंदोलनरत प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि हम लोग पूरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं। विभिन्न जिलों से इलाहाबाद पहुंचने पर हम लोगों को यहां से शासन एवं प्रशासनिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कभी निदेशालय तो कभी सचिवालय के नाम पर लखनऊ के चक्कर लगवाए जाते हैं। राजधानी पहुंचने पर भी हम लोगों की सुनवाई करने वाला कोई नजर नहीं आता। इन सबसे तंग आकर हम लोगों ने इलाहाबाद में ही रहकर अपने हक की लड़ाई लड़ने की ठानी हैं।
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ये है मामला
आंदोलन कर रहे प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि हम लोग 2016 में चुने गए 72825 प्रशिक्षु शिक्षक अपना छह मासिक सैद्धांतिक एवं क्रियात्कम ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही इसी वर्ष जुलाई में आयोजित प्रशिक्षु शिक्षक लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं।
परीक्षा का परिणाम 30 अगस्त को घोषित किया जा चुका है, लेकिन उसके बाद एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी विद्यालयों में हम लोगों की तैनाती नहीं की जा रही है। जबकि प्रशिक्षु शिक्षक नियमानुसार परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद के लिए मौलिक नियुक्ति प्रदान किए जाने की सारी मानक पूरे कर चुके हैं।
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