आरयू वेब टीम। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के 49 और सांसदों को हंगामे के नाम पर आज यानी मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। इससे दोनों सदनों में निलंबित हुए सांसदों की संख्या 141 हो गई है। दरअसल एक दिन पहले संसद के दोनों सदनों से अभूतपूर्व रूप से 78 सांसदों के निलंबन के बाद हुआ है। निलंबन के बाद आज सांसदों ने प्रदर्शन कर इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह को सदन में बुलाने के लिए प्रदर्शन किया।
आज लोकसभा में सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित 49 विपक्षी सांसदों को संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
वहीं लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को भी संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि “पुलिस किसके अंतर्गत आती है? अगर उन्होंने (केंद्रीय गृह मंत्री) घटना (सुरक्षा उल्लंघन) पर संसद में बयान दिया होता तो क्या होता?” सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा लाया गया था।
यह भी पढ़ें- अधीर रंजन, दयानिधि मारन समेत विपक्ष के 33 सांसद लोकसभा से निलंबित
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने निचले सदन में कहा, ”सदन के अंदर तख्तियां नहीं लाने का निर्णय लिया गया। हालिया चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण वे ऐसे कदम उठा रहे हैं। यही कारण है कि हम (सांसदों को निलंबित करने का) प्रस्ताव ला रहे हैं।” इसके साथ, संसद से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है। सोमवार को 46 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से और 45 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।