आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती के आज यूपीकोका पर विरोध जताने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपीकोका के साथ ही योगी सरकार पर सवाल उठाएं हैं। अखिलेश यादव ने कहा है कि योगी सरकार का शुरू से ही विपक्ष के प्रति सौतेलेपन वाला व्यवहार रहा है। सरकार में बैठे लोग बदले की भावना से निर्णय ले रहे हैं। अब अपनी मनमर्जी और तानाशाही चलाने तथा विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए राज्य सरकार यूपीकोका बिल ला रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में दावा करते हुए कहा कि यूपीकोका बिल कहने को अपराध नियंत्रण के लिए लाया जा रहा है, पर इसके पीछे योगी सरकार का उद्देश्य वास्तव में राजनीतिक स्वार्थ साधना है। गुजरात में भाजपा को विपक्ष ने नाको चने चबवा दिए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में भी अपनी राह कठिन नजर आ रही है, इसी के चलते जनता को परेशान करने के लिए योगी सरकार उस पर यूपीकोका थोपने के लिए अमादा है।
यह भी पढ़ें- खजांची को मिला बर्थ-डे गिफ्ट अब उसके गांव को गोद लेंगे अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के कोरे दावों से कानून-व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। यूपीकोका तो बहाना है। पहले से जो कानून बने हैं उनका इस्तेमाल करके भी अपराध रोकना चाहिए। भाजपा के गमछाधारी ही सबसे ज्यादा कानून तोड़ रहे हैं। गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धार्मिक आजादी पर भी पहरेदारी करने वाले पैदा हो रहे है। इस तरह की अवांछनीय गतिविधियां भाजपा राज में बढ़ गई हैं।
सपा सुप्रीमो ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों के मददगार और संरक्षणदाता की भूमिका में भाजपा के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं। अपराधियों की भी जेल से कारगुजारी जारी हैं। बेखौफ अपराधी पुलिस बल पर हमलावर हैं। रोजाना हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। जबकि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री व्यवस्था दुरूस्त करने की जगह विपक्ष पर ही दोष मढ़ते घूम रहे हैं।
यह भी पढ़ें- योगी सरकार में भाजपाई जनता पर दर्ज करा रहें फर्जी मुकदमें: मायावती