आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार भाजपा के लोग कानून का धड़ल्ले से गलत इस्तेमाल कर रहें हैं। जिसके चलते अब ये जनता के लिए सिरदर्द बन चुका है। भाजपा के लोग अपनी नफरत, राजनीतिक व जातिगत द्वेष आदि के चलते पुलिस पर दबाव बनाकर फर्जी मुकदमा दर्ज करा अपनी ज्यादती और नफरत का शिकार बनाकर बेकसूरों को जेल भिजवा रहें हैं।
बसपा पार्षद पर मुकदमा अन्याय नहीं तो क्या है
मायावती ने हाल ही में हुई एक घटना पर सवाल उठाते हुए पूछा कि राज्य की दूसरी सरकारी भाषा उर्दू में शपथ ग्रहण करने पर बसपा के अलीगढ़ के पार्षद पर सांप्रादायिक भावना भड़काने का गलत आरोप लगाकर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जो सरासर अन्याय नहीं तो और क्या है।
वापस हो यूपीकोका
वहीं एक समय यूपीकोका (उत्तर प्रदेश कन्ट्रोल आफ अर्गनाइजड क्राइम एक्ट) की पैरवी करने वाली मायावती ने आज अपने बयान में तर्क देते हुए कहा कि यूपीकोका का भी इस्तेमाल अधिकांश उत्तर प्रदेश सर्वसमाज के गरीबों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन के लिए ही होगा, जिस कारण बीएसपी इसका विरोध करते हुए योगी सरकार से इसे वापस लेने की मांग करती है। बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कानून का गलत इस्तेमाल नहीं रूका तो बसपा इसके खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगी।
जंगलराज से जनता में त्राहि-त्राहि
पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार पर यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार अपराधियों व माफियाओं पर नियंत्रण करने के नाम पर सिर्फ जाति व सांप्रादाय विशेष के लोगों को ही अपना शिकार बना रही है, जबकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से जुड़े लोग प्रदेश में हर स्तर पर कानून को हाथ में लेने के साथ-साथ हर प्रकार का संगठित अपराध, गुण्डागर्दी व माफियागिरी कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के बजाय उन्हें सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिससे प्रदेश में कानून का राज ना होकर जंगलराज कायम किया जा रहा है। इससे जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है।