आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को निशातगंज स्थित समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना कार्यालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में शिक्षा मंत्री ने मानव संपदा पोर्टल के जरिए सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के समस्त सेवा संबंधी सेवाओं को प्रदान करने की प्रगति की समीक्षा करते हुये आवश्यक निर्देश दिये।
साथ ही मिशन प्रेरणा के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के संबंध में आज सतीश द्विवेदी ने परीक्षाओं के परिणाम व सुधारों के प्रयास के बारे में चर्चा करते हुये रिपोर्ट कार्ड अभिभावको तक पहुंचाने के निर्देश दिये। इसके अलावा ई-पाठशाला के माध्यम से बच्चों तक शिक्षा यथा दूरदर्शन, आकाशवाणी, व्हाट्सएप, यूट्यूब चैनल के माध्यम से किये जा रहे कामों की प्रगति कि समीक्षा करते हुये आउटरीच (प्रचार-प्रसार) पर बल देने को अधिकारियों से कहा।
उन्होंने विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत मानकों से संतृप्त विद्यालयों के काम जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। शिक्षा मंत्री ने बैठक में चेतावनी देते हुए कहा कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से किया जाये। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही नही की जाए।
वहीं बैठक के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने मीडिया को बताया कि विभाग की विभिन्न योजनाओं में विद्यालय प्रबंध समिति स्तर तक धनराशि के भुगतान की प्रकिया को त्वरित एवं पारदर्शितापूर्वक धनराशि के हस्तानातरण, व्यय एवं वित्तीय डाटा विषलेशण सुनिश्चित करने के लिए पीएफएमएस प्रणाली लागू किया जाना है। पीएफएमएस पोर्टल पर समग्र शिक्षा में जनपद के डीपीओ, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, एडी बेसिक, ब्लाक संसाधन केंद्र, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) स्तर की कुल 164000 इम्प्लीमेटिंग एजेंसियों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।
सरोजनीनगर में पीएफएमएस प्रणाली लागू
साथ ही पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से धनराशि अंतरण का काम पूरे यूपी में शुरू करने से पहले लखनऊ के सरोजनीनगर विकास खंड में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में पीएफएमएस प्रणाली लागू कर दी गयी है। जिला परियोजना कार्यालय के पीएफएमएस मास्टर ट्रेनर नामित कराकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका है।
शिक्षकों के सेवारत प्रशिक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह…
शिक्षा मंत्री के अनुसार शिक्षकों के सेवारत प्रशिक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की कोशिश भी की जा रही है। वर्तमान प्रचलित शिक्षक प्रशिक्षण व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने एवं इसे और अधिक सुगम, मितव्ययी व आसान बनाने के लिए ’दीक्षा एप’ के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण का निर्णय लेते हुए इस दिशा में लंबी छलांग लगाई गयी है।
’दीक्षा एप’ पर 75 प्रशिक्षण कोर्स अपलोड
विभाग द्वारा इस लॉकडाउन की अवधि का सदुपयोग करते हुए बिना किसी अतिरिक्त व्यय के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विकसित ’दीक्षा एप’ के माध्यम से उक्त प्रशिक्षण शुरू किया गया है। ट्रेनिंग की शुरूआत करते हुए ’दीक्षा एप’ पर 75 प्रशिक्षण कोर्स अपलोड किये गये हैं। इसमें 2.54 लाख शिक्षकों ने पंजीकरण कराया जिसमें से शिक्षक घर बैठे अपने सुविधानुसार समय में यह प्रशिक्षण पूर्ण कर रहे हैं।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों को फिर से खोलने से पहले शिक्षण-अधिगम संसाधनों को तैयार करने और मजबूत शैक्षणिक आधार तैयार करने के उद्देश्य से विभाग ने अपनी सशक्त अकादमिक टीमों को लगा दिया है।
साथ ही राज्य परियोजना कार्यालय (एसपीओ) समग्र शिक्षा अभियान, यूपी और स्टेट काउंसिल ऑफ एजूकेशन रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के मार्गदर्शन में 225 स्टेट रिसोर्स समूह के सदस्यों (एसआरजी, तीन प्रति जिला) और लगभग 2250 अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स (एआरपी, पांच प्रति ब्लॉक स्तरीय टीम) ने सभी शिक्षकों के सहज अध्यापन और कक्षा-कक्ष शिक्षण की सुगमता के लिए 20,000 से अधिक शिक्षण योजनाएं तैयार की हैं। यह योजनाएं कक्षा एक से पांच तक के सभी 289 अध्यायों को समाहित किए हुए हैं, जिसमें हिंदी, गणित, पर्यावरणीय अध्ययन एवं अंग्रेजी की पाठ्य सामग्री भी शामिल है।
यह शिक्षण योजनाएं शिक्षकों को कक्षा शिक्षण की तैयारी में सहायक होगी। साथ ही शिक्षण के दौरान होने वाली गतिविधियों यथा-अनुकरण वाचन शैक्षणिक गतिविधियों का निर्माण, समूह कार्य, पुनरावृत्ति और आकलन आदि में 40 मिनट को व्यवस्थित रूप से बांटने में भी सहायक होंगी। इसी श्रृंखला में आगे कक्षा छह,सात व आठ की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित शिक्षण योजनाएं बनायी जायेंगी।
कक्ष में जाने से पहले शिक्षकों के पास होनी चाहिए टीएलएम
सतीश द्विवेदी के अनुसार अकादमिक सदस्यों द्वारा निर्मित शिक्षण योजनाएं प्रदेश के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मिशन प्रेरणा’ के उद्देश्य को सार्थक कर रहीं। शिक्षकों के पास कक्ष में जाने से पहले पर्याप्त शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) होनी चाहिए।’’ यूपी देश का ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है, जिसके अकादमिक रिसोर्स समूहों ने कक्षा एक से पांच तक के लिए 20,000 शिक्षण-योजनाएं शैक्षिक संसाधन के रूप में तैयार की हैं। इन शिक्षण योजनाओं को बनाने में हमारे एसआरजी और एआरपी ने उत्साह के साथ इनका निर्माण किया है।
बुलंदशहर, बाराबंकी, बिजनौर, हापुड़ व शाहजहांपुर की टीम ने…
पिछले छह हफ्तों से सभी जिलो ने अपने-अपने लक्ष्यों को हासिल करने की पूरी कोशिश की है। जिसमें बुलंदशहर, बाराबंकी, बिजनौर, हापुड़ और शाहजहांपुर की टीम ने लक्ष्यों से आगे बढ़कर नेतृत्व किया है, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए विभाग की योजना है एक छोटा अकादमिक समूह बनाकर प्रत्येक पाठ की तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षण योजनाओं को संकलित करे, उन्हें 9000 अधिक न्याय पंचायत स्तर के शिक्षकों को व्हाट्सएप टीचर कॉर्नर के नाम से एवं कुछ शिक्षण योजनाओं को बुकलेट के रूप में प्रिंट कर उपलब्ध करायी जायेगी।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे
शिक्षा मंत्री के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों, उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्र-छात्राओं में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे है। इसी कड़ी मे कक्षा तीन से आठ के बच्चों के लर्निंग आऊटकम्स आधारित विषयवार उपलब्धि स्तर ज्ञात करने के क्रम में क 19 फरवरी 2020 को परीक्षा आयोजित की गयी थी।
25 शिक्षकों का बैच बनाकर दी जाएगी ऑनलाइन ट्रेनिंग
उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों के अभिमुखीकरण के लिए शिक्षकों को बुनियादी शिक्षा पर प्रत्येक शिक्षक का एक जुलाई 2020 से संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा 25-25 शिक्षकों का बैच बनाकर ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए हर दिन कम से कम दो-दो घंटे का दो बैचों में प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा। ट्रेनिंग को संबंधित विकासखण्ड के एआरपी द्वारा सुगम बनाया जाये तथा शिक्षक प्रशिक्षण में राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विकसित मॉड्यूल ध्यानाकर्षण, आधारशिला एवं शिक्षण संग्रह के आधार पर एआरपी द्वारा तैयारी के साथ के ट्रेनिंग पूरी करायी जायेगी।
साथ ही खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की ऑनलाइन बैठक कर मिशन प्रेरणा एवं प्रेरणा घोषणा के अंतर्गत संचालित गतिविधियां, रिजल्ट एवं रीमिडियल टीचिंग के विषय में आवश्यक निर्देश दिये जायेगें।
वहीं आधारशिला मॉड्यूल पर आधारित प्राथमिक कक्षाओं में फाउण्डेशनल लर्निंग का संचालन किया जायेगा एवं शिक्षण संग्रह मॉड्यूल पर आधारित शिक्षकों द्वारा शिक्षण योजना बनाकर प्रभावी कक्षा शिक्षण किया जायेगा, जिससे कि अगली परीक्षाओं में बच्चे अपेक्षित अधिगम स्तर प्राप्त कर सकें। साथ ही विद्यालयों के खुलने के बाद एआरपी द्वारा विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरविजन करने के दौरान लर्निंग आउटकम पर आधारित बच्चों का अधिगम स्तर आकलन के आधार पर श्रेणी सी, डी एवं ई में आने वाले बच्चों से बातचीत कर प्रगति का विश्लेशण किया जायेगा और सुधार के लिए शिक्षक व प्रधानाध्यापक से वार्ता कर कार्ययोजना बनाई जायेगी।
बैठक में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द, विशेष सचिव डीपी सिंह एवं आनंद कुमार सिंह, अपर राज्य परियोजना निदेशक एवं विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा सत्येंद्र कुमार सहित समस्त यूनिट के समस्त यूनिट प्रभारी उपस्थित थे।
अफसरों के साथ बैठक कर बेसिक शिक्षा मंत्री ने जाना शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के कार्यों की प्रगति, ये निर्देश भी दिए https://t.co/nsNqRREyxA vi @rajdhaniupdate @myogiadityanath @drdineshbjp @CMOfficeUP @drdwivedisatish @ChiefSecyUP @basicshiksha_up #UPBasicshiksha #Shikshak
— Rajdhani Update (@rajdhaniupdate) June 18, 2020