आरयू वेब टीम।
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को भारत ने ओडिशा तट के पास डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। इस मिसाइल का ये सातवां परीक्षण है। सतह से सतह पर मार करने में सक्षम यह मिसाइल स्वदेश में ही विकसित की गई है।
परमाणु कौशल से लैस इस मिसाइल का सफल परीक्षण आज दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर किया गया। इसके परीक्षण के साथ ही इस मिसाइल को विकसित करने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है। अभी तक ये मिसाइल केवल अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस के ही पास थीं।
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अग्नि-पांच की रेंज पांच हजार किलोमीटर से भी अधिक बताई जा रही है। यानी अग्नि-पांच की जद में चीन, यूरोप और पाकिस्तान आ गए हैं। यह टेक्नोलॉजी के मामले में सबसे एडवांस मिसाइल है, इसमें नेवीगेशन, गाइडेंस, वॉरहेड और इंजन की अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।
तीन चरण में ठोस इंजन से चलने वाली अग्नि-पांच मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित एकीकृत परीक्षण क्षेत्र के परिसर चार से हवा में दागा गया। यह 17.5 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी, 50 टन वजन की होने के साथ ही यह डेढ़ टन विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है। इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है।
बत दें कि इससे पहले अग्नि-पांच का सफल परीक्षण 2012, दूसरा 2013, तीसरा 2015, चौथा 2016, पांचवां जनवरी 2018, छठां जून 2018 एवं सातवां सफल परीक्षण आज किया गया है।