आरयू वेब टीम।
भारत ने सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। गुरुवार को ओडिशा कोस्ट पर भारत ने बैलेस्टिक मिसाइल शील्ड का सफल परीक्षण किया। इस शील्ड की मदद से दुश्मन की किसी भी तरह की मिसाइल को 40 किलोमीटर की रेंज में ही नष्ट किया जा सकेगा। एयर डिफेंस के लिहाज से भारत के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है।
यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है। अभी इस शील्ड का परीक्षण किया गया है, 2022 तक ये शील्ड भारत की सीमाओं की रक्षा करने के लिए तैयार होगी।
इस पूरे मिशन को मानवीय हस्तक्षेप के साथ मिशन कंप्यूटर के तहत पूरा किया गया है। इस परीक्षण के दौरान रडार, मॉनिटरिंग सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलिमेटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले बीते 16 जुलाई को भारत ने सफलतापूर्वक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्राह्मोस का परीक्षण किया था। मिसाइल सुबह 10.18 बजे चांदीपुर के बालासोर जिले में स्थित परीक्षण केंद्र से लॉन्च की गई।
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रक्षा शोध व विकास संगठन (डीआरडीओ) का कहना है कि इस परीक्षण ने सभी मानकों को पूरा कर लिया। मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार इसके साथ भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत के डीआरडीओ व रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइज एनपीओएम का संयुक्त उद्यम है।
बता दें कि वॉशिंगटन और मॉस्को की तरह केंद्र सरकार देश की राजधानी दिल्ली को अभेद्य सुरक्षा प्रदान करने की तैयारी में है। इसके तहत दुश्मन चाहकर भी राजधानी पर मिसाइल, ड्रोन और विमान से हमला नहीं कर पाएंगे। भारत सरकार अपने प्रयासों से दिल्ली को चारों तरफ से मिसाइलों के रक्षा कवच से ढंकने की तैयारी में है।
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