आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लापरवाही के तमाम आरोपों बीच उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में बेकाबू कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर आज एक बार फिर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि आगरा मॉडल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, वहीं आगरा को उदाहरण बनाते हुए कांग्रेस ने आज यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश का मेरठ व कानपुर भी अब आगरा जैसे बनने की राह की ओर है।
आज अपने एक बयान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामलों का आंकड़ा एक तरफ जहां अन्य राज्यों के मुकाबले तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं वहीं योगी सरकार का तथाकथित ‘आगरा मॉडल’ ध्वस्त हो चुका है। प्रदेश में अभी तक 3467 कोरोना मरीजों में अकेले आगरा से 756 केस है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी से निपटने के लिये देश में आगरा मॉडल पेश किया था, जिसे खूब प्रचारित भी किया। जबकि हकीकत में कोरोना से ताजनगरी आगरा शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
यह भी पढ़ें- आगरा को वुहान बनने से बचाने कि मेयर की गुहार पर बोलीं प्रियंका, सरकार जनता को बचाने के लिए उठाए सकारात्मक कदम
प्रदेश अध्यक्ष ने आज दावा करते हुए कहा कि, जब मैंने आगरा में प्रदेश सरकार के झूठ को उजागर किया और आगरा को बचाने को कहा, तब सरकार होश में आयी। आगरा में महामारी बेकाबू हो गयी है। आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हटाना सरकार की असफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रदेश के दूसरे प्रमुख शहर मेरठ और कानपुर भी कोरोना महामारी से सर्वाधिक चपेट में है।
यह भी पढ़ें- लखनऊ समेत UP के 17 जिलों में मिलें कोरोना के संक्रमित, 39 की मौत, आगरा में बिगड़े तो नोएडा के सुधर रहें हालात, जानें अन्य जनपदों का हाल
सरकार छिपा रही महामारी में मर रहे लोगों का आंकड़ा
प्रदेश अध्यक्ष ने योगी सरकार पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर सरकारी अधिकारियों के दबाव से महामारी की हकीकत को छिपाया जा रहा है, जिसका परिणाम प्रदेश की निर्दोष आम जनता को भुगतना होगा। लल्लू ने आगे कहा कि संचार माध्यमों और मीडिया संस्थान से यह खबर पुख्ता हुई है कि सरकार पुलिस के दम पर कोरोना महामारी में मर रहे लोगों का आंकड़ा छिपा रही है।
पीपीई किट तक उपलब्ध नही करवा पायी
वहीं कोरोना टेस्ट पर भी सवाल उठाते हुए लल्लू ने कहा कि पूरे यूपी में टेस्टिंग का आंकड़ा बहुत ही कम है। योगी सरकार प्रदेश के सभी डॉक्टर, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मी जनों के लिए अभी तक बेहद जरूरी पीपीई किट तक उपलब्ध नही करवा पायी है।
यह भी पढ़ें- आगरा समेत मेरठ व कानपुर में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब सीएम योगी ने वरिष्ठ IAS व IPS अफसरों को सौंपी जिम्मेदारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा अनुबंधित कई प्राइवेट लैबों के कोरोना टेस्ट संदिग्ध पाये गये है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक बहराइच, सीतापुर और नोएडा की प्राइवेट लैबों द्वारा घोषित कोरोना के दस पॉजिटिव टेस्ट सरकारी लैब में दुबारा टेस्ट करने पर निगेटिव पाये गये हैं। यह कोरोना के मरीजों की जिंदगी के साथ भयानक खिलवाड़ है।